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1117/4:1 की | | |, , अध्याय - 1, यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय, , महत्वपूर्ण घटनायें । तथ्य :, 1. 18वीं सदी में कई देश जैसे जर्मनी, इटली तथा स्विटजरलैंड आदि, उस रूप में नहीं थे जैसा कि आज हम इन्हें देखते हैं। ये छोटे-छोटे, राज्यों में विभाजित थे जिनका अपना एक स्वतंत्र शासक था।, , 2. 1789 की फ्रांसीसी क्रांति - 1789 की फ्रांसीसी क्रांति राष्ट्रवाद की, पहली स्पष्ट अभिव्यक्ति थी। इसने फ्रांस में राजतंत्र समाप्त कर, प्रभुसत्ता फ्रांसीसी नागरिकों को सौंपी। इस क्रांति से पहले फ्रांस एक, ऐसा राज्य था जिसके संपूर्ण भू-भाग पर एक निरंकुश राजा का, शासन था।, , 3. 1804 की नेपोलियन संहिता - इसे 1804 में लागू किया गया।, इसने जन्म पर आधारित विशेषाधिकारों को समाप्त कर दिया। इसने, न केवल न्याय के समक्ष समानता स्थापित की बल्कि सम्पत्ति के, अधिकार को भी सुरक्षित किया।, , 4. क्रान्तिकारी फ्रांस उदारवादी प्रजातंत्र का पहला राजनैतिक प्रयोग, था। वहाँ वोट देने और चुने जाने का अधिकार केवल उन्हीं पुरूषों को, था जिनके पास सम्पत्ति थी। सम्पत्ति विहीन पुरूषों और सभी औरतों, को राजनैतिक अधिकारों से वंचित रखा गया। केवल थोड़े ही समय के, लिए जैकोबिन शासक के समय सभी व्यस्क पुरूषों को मताधिकार, प्राप्त था मगर नेपोलियन की संहिता पुनः सीमित मताधिकार वापिस, लाई और उसमें महिलाओं को अवयस्क दर्जा देते हुए उन्हें पिताओं, और पतियों के अधीन कर दिया।, , 6.वियना कांग्रेस - 1815 में ब्रिटेन, प्रशा, रूस और ऑस्ट्रिया जैसी, यूरोपीय शक्तियों (जिन्होंने मिलकर नेपोलियन को हराया था) के, प्रतिनिधि यूरोप के लिए एक समझौता तैयार करने के लिए वियना में, इकट्ठा हुए जिसकी अध्यक्षता आस्ट्रिया के चांसलर ड्यूक मैटरनिख ने, की।, , 7. वर्साय में हुए एक समारोह में प्रशा के राजा विलियम प्रथम को, , सलसतारी 1971 ऐों सर्गनी ता साणाए प्रोणित्य न्ूण शिशा।, , 1:1८: है 1१॥ ० ||, +#२६६ - ६6प्ररव्वांणा, , | ७छ |