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गुण, 1, आकार, , 2. दृढ़ता, 3. आयतन, , 4. संपीडनशीलता, 5. कणों के, , बीच अन्तरा्विक बल, , 6. कर्णे में गति, , | ठेस |], ठोसों का आकार निश्चित होता व, स्थिर आकृति बनाए रखते हैं।, , ठोस दृढ़ होते हैं।, ठोसों का आयतन निश्चित होता है।, ठोस असंपीडनीय होते हैं।, , ठोसों के कणों के बीच बहुत, , अन्तराण्विक बल पाया जाता है।, , ठोसों के कणों की गति कम्पन गति, होती है और बहुत कम होती है।, , , , , , , , द्रव, द्रबों का आकार निश्चित नहीं होता, परन्तु इन्हें जिस पात्र में डाला जाता, है उसी की आकृति ग्रहण कर लेते हैं।, द्रव दृढ़ नहीं होते ये बह सकते हैं।, डा का भी आयतन निश्चित होता, 1, , द्रव बहुत कम संपीडित किए जाते, हैं।, , ड्रबों के कणों के मध्य ठोसों की *, अपेक्षा कम अन्तराण्विक बल पाया, , जाता है। परन्तु यह बल इनका आयतन, स्थिर बनाने के लिए पूर्ण होता है।, , ड्रबों के कर्णों की गति कम होती है, , गैस, ठोसों का आकार निश्चित नहीं होता।, , गैसें दृढ़ नहीं होती।, , गैसों का कोई निश्चित आयतन नहीं, होता वे तो जितना स्थान मिलता है, सारा ही घेर लेते हैं।, , गैसें बहुत अधिक संपीडनशील, होती हैं।, , गैसों के कणों के बीच अन्तराण्विक, बल बहुत कम होता है अर्थात् नगण्य, होता है। प्रत्येक कण स्वतन्त्रतापूर्वक, गति कर सकता है और अधिक-सेअधिक आयतन घेरता है।, , गैसों के कण तीत्र वेग से, , परन्तु ठोसों से अधिक इनके कण एक | अनियमित -गति करते रहते हैं।, , दूसरे से अलग नहीं होते।