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의 1, रा मानना, नल-पाइपों के सहारे आगे गए, जहाँ-जहाँ से झरने का, आज हम, लिए उपयुक्त रास्ता नहीं था। मनुष्य प्रकृति पर विजय प्राप्त, सा होगा।, कल्पना, |के कोशिश क्यों न कर ले, परंतु प्रकृति अपनी शक्ति का एहसास ऊँचे-ऊँचे पहाड़ों के रूप में दे, ॐ अना था कि पहले इंस बड़े से झरने में काफ़ी सुंदर-सुंदर मछलियाँ रहती थीं, परंतु यह संसार का, सत्य है कि जब तक कोई चीज़ पर्दे में रहती है, तभी तक उसका, शी जो झरने की मुस्क्षा) करने के लिए यथास्थान हैं।, सा लग, क् हृदय, मही अस्तित्व बना रहता है, परंतु वही चीज़ बेपर्दा हो जाए तो दुनिया, उसका गलत इस्तेमाल करने लगती है। यही बात इस द्रंग के झरने, के साथ हुई।, विद्युत प्रोजेक्ट, जो अभी बनने में कुछ समय लेगा, के, कारण इस जगह काफ़ी परिवर्तन किए गए। दवाइयाँ, डाल-डालकर मछलियाँ खत्म कर दी गईं। झरने का, आकार छोटा कर दिया गया। प्रकृति मनुष्य की सर्वप्रथम, शिक्षिका है। वह मनुष्य को पुकार-पुकार कर यही, कहती है कि मुझसे कुछ सीखो एवं मेरा प्रयोग भी, करो। लेकिन एकमात्र मनुष्य जाति ही ऐसी जाति है, जो, सैकेंड, कश्मीर, मौसम, रों पर, - और, कदम, ने ही, नों से, हर समय इस ताक में रहती है कि कब वह समय आए,, चली, जब वह किसी चीज़ पर अपना पूर्णाधिपत्य स्थापित करे।, कश्मीर की आधी खूबसूरती द्रंग जैसी छोटी-सी जगह में, निहित है, परंतु मनुष्य इस खूबसूरती को बिगाड़ने के, लिए तत्पर, पेण, = में, है।, झरने के ठीक सामने वाले पहाड़ पर पांडवों का, किला है। ऐसा सुनकर हम सब ऊपर, चलने के लिए तैयार हो गए।, रास्ता पूर्णतः चिकनी मिट्टी, से युक्त था, गीला हो तो, सीधे नीचे ही जाएँ।, था,, की, दुश्य, ससे, गता, আाथ, परिमा का गान कर बहने की गति सौ आदमियों की की शक्ति पर, इरने के बराबर से होकर हम पानी के बड़े-बड़े के सहारे आगे गए, से झरने का, आरंभ-स्थल चाहते थे। वहाँ जाने के लिए उपयुक्त रास्ता नहीं था। पर प्राप्त, करने की कोशिश क्यों न कर ले, परंतु प्रकृति अपनी शक्ति का पहाड़ों के रूप में दे।, रही थी जो झरने की के लिए हैं।