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झारखंड शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद रॉँची (झारखंड), प्रथम सावधिक परीक्षा ()2022 -2021, प्रतिदर्श प्रश्न पत्र सेट-3, , कक्षा10- विषय हिंदी -ए". . समय - 1 घंटा 30 मिनट पूर्णाक40, सामान्य निर्देश-:, , > सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।, प्रश्नों की कुल संख्या है 401, > प्रत्येक प्रश्न के लिए अंक निर्धारित हैं 11, > प्रत्येक प्रश्न के लिए चार विकल्प दिए गए हैं इनमें से एक सही विकल्प का चयन, कीजिए, गलत उत्तर के लिए कोई अंक नहीं काटे जाएँगे।, खंड ) 'क'अपठित बोध, , ऊझः, , ः, , निर्देश5-1 निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या -- तक के लिए सही विकल्प, का चयन करें।, , मानव जाति को अन्य जीवधारियों से अलग करके महत्व प्रदान करने वाला जो एकमात्र गुरु, है,वह उसकी विचार-शक्ति। मनुष्य के पास बुद्धि है,विवेक है,तर्क शक्ति है,अर्थात उसके पास, विचारों की अमूल्य पूँजी है। अपने सदविचारों की नींव पर ही आज मानव ने अपनी श्रेष्ठता की, स्थापना की है और मानव-सभ्यता का विशाल महल खड़ा किया है।यही कारण है कि विचारशील, मनुष्य के पास जब सदविचारों का अभाव रहता है तो उसका वह मानस कुविचारों से ग्रस्त, होकर एक प्रकार से शैतान के वशीभूत हो जाता है। मानवी बुद्धि जब सदभावों से प्रेरित होकर, कल्याणकारी योजनाओं में प्रवृतत रहती है तो उसकी अच्छाइयों का कोई अंत नहीं होता,किंतु जब, वहाँ कुविचार अपना घर बना लेते हैं तो उसकी पाशविक प्रवृत्तियाँ उस पर हावी हो उठती है।हिंसा, और पापाचार का दानवी साम्राज्य इस बात का दयोतक है कि मानव की विचार शक्ति, जो उसे, पशु बनने से रोकती है उसका साथ देती है |
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01.मानव जाति को महत्व देने में किसका योगदान है?, , #. शारीरिक शक्ति का 8. विवेक और विचारों का, 0. धनबल्र का 0.अर्जित पैतृक संपत्ति का, 02. मनुष्य की श्रेष्ठता की नींव क्या है?, /. पापाचार 8. पाशविकता, 0. सद्विचार 0. हिंसा, 03.विचारों की पूँजी में शामिल्र नहीं है?, &. उत्साह 8. तर्क, (0. विवेक 0. बुद्धि, 04.मानव में पाशविक प्रवृतियाँ क्यों जागृत होती है?, #. हिंसा,बुद्धि के कारण 8. असत्य बोलने के कारण, 0. कुविचारों के कारण 0. स्वार्थ के कारण, 05, 'सदविचार' का विलोम शब्द क्या है?, #. सुविचार 8. दुरविचार, 0. आचार 0. व्यवहार, , निर्देशतक के लिए सही उत्तर का 10-6 प्रस्तुत पद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़कर प्रश्न संख्या-:, चयन करें।, , तिनका तिनका लाकर चिड़िया, , रचती है आवास नया,, , ड्सी तरह से रच जाता है, सृजन का आकाश नया।, मानव और दानव में यूँ तो, भेद नजर नहीं आएगा,, एक पोंछता बहते आँसू, , जी भर कर एक रुल्ाएगा ।, रचने से ही आ पाता है, जीवन में विश्वास नया, कुछ तो इस धरती पर केवल, खून बहाने आते हैं,, , आग बिखछाते हैं राहों में, फिर खुद ही जल जाते हैं।
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जो खुद मिटने वाले होते, , वे रचते इतिहास नया |, , मंत्र नाश का पढ़ा करें कुछ, , द्वार द्वार पर जा करके,, , फूल खिलाने वाले रहते, , घर-घर फूत्र खिला करके, , 06.सृजन के आकाश से क्या आशय है?, , #&. नए आकाश का बनना 8. आकाश का मिटना, , (0. चिड़िया का नया घोसला 0. वस्तुओं का आविष्कार, 07.चिड़िया अपना घोंसला क्या जोड़ कर बनाती है?, , /#. लकड़ी-लकड़ी जोड़कर 8. ईंट-सीमेंट जोड़ कर, , (0. तिनका तिनका लाकर 0. कील लोहे लाकर, , 08,मानव और दानव में क्या अंतर है?, /. मानव आँसू पूछते हैं और दानव ऑसू लाते हैं, 8. मानव के पास शक्ति नहीं होती और दानव के पास होती है, 0. मानव और दानव दोनों एक समान है, 0. मानव खराब होते हैं और दानव अच्छे, 09.'नाश' का विलोम क्या है?, /#. ध्वंस 8. विनाश 0. सृजन 0. नाशवान, 10,कविता का संदेश क्या है?, /#. मानव और दानव दोनों एक समान हैं, 8. राहों में आग बिछानी चाहिए, 0. घर-घर में फूल की देखभाल करनी चाहिए, 0. खुद मिट कर भी दूसरों का अला करना चाहिए।, , खंड(व्याकरण) ख11.'चिड़िया आसमान में उड़ती है।' इस वाक्य में कौन सी क्रिया है?, , /&. सकर्मक क्रिया 8. अकर्मक क्रिया, 0. दोनो 0. कोई नहीं