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#0 40 8227 8200१०7 (8/, , , , , , 30 होना, , १० ९. वृष्टि-विस्तार कहते हैं, (1) 0-25 आ तक की दूरी को, (2) 25 शा। - अनन्त तक की दूरी को, , (3) 25 था।- 100 था। तक की दूंगी को |, , (4) इनमें से कोई नहीं लेती, २१ ९: नेन्न लेंस की वह क्षमता जिसके कारण वह फोकस दूरी को बढ़ा या घटा है उस, , हैं:, , (1) समंजन क्षमता (2) अपसमंजन क्षमता, , (3) दृष्टि-विस्तार क्षमता (4) इनमें से कोई नहीं री, भरा, ८८ 0. नेत्न लेंस की फोकस दूरी कम हो जाने पर कौन-सा दृष्टि दोष उत्पन्न हे, , (1) निकट-दृष्टि दोष (2) दीर्ष-दृष्टि दोष ५, , (3) जरा-दृष्टि दोष (4) इनमें कोई नहीं, 96 0. जो नेन्न निकट के वस्तुओं को साफ-साफ देख सकता है, उस नेत्र में होता है :, , (1) दीर्ष-दृष्टि दोष (2) निकट-दृष्टि दोष, , (3) जरा-दृष्टि दोष (4) इनमें कोई नहीं भा, , 0. निकट-दृष्टि दोष को दूर करने में किस लेंस का उपयोग होता है :, के (1) अबतल लेंस (2) उत्तल लेंस. (3) बेलनाकार लेंस (4) इनमें से कोई का, , 29, 0. जब वस्तु का प्रतिबिम्ब नेत्र लेंस के द्वारा रेटिना पर नहीं बनता है तब उसे कहते हैं :, , (1) निकट-दृष्टि दोष (2) दीर्घ-दृष्टि दोष, , (3) जरा-दृष्टि दोष (4) दृष्टि-दोष शा!, 700. दृष्टि-दोष ; होते हैं :, , । 3 (1) एक डा (2) दो (3) तीन (4) इनमें कोई नहीं... का!, , 30 0. नेन्न गोलक के लम्बा हो जाने से कौन-सा दृष्टि-दोष उत्पन्न होता है :, , (1) निकट (2) दीर्घ (3) जरा (4) इनमें कोई नहीं... क्षाई, 5310. दीर्घ-दृष्टि दोष में प्रतिबिम्ब बनता है :, , (1) रेटिना के आगे (2) रेटिना के पीछे, , (3) रेटिना पर (4) इनमें से कोई नहीं आा5$, 5०0. पक्ष्माभी पेशियों के दुर्बल होने से कौन-सा दृष्टि-दोष उत्पन्न होते हैं :, , (1) केवल निकट (2) केवल दीर्घ ५ आा, , (3) (1) एवं (2) दोनों (4) इनमें कोई नहीं काड, , 3250. जरा-दृष्टि दोष को दूर करने में किस लेंस का उपयोग होता है :, (1) केवल उत्तत (2) केवल अवतल (3) द्वि-फोकसी (4) इनमें कोई नहीं. शा,, , 91 0. नेत्र में किस दोष के कारण दृष्टि-दोष उत्पन्न होते हैं :, , (1) परावर्तन (2) अपवर्तन ः न, , (3) (1) एवं (2) दोनों (4) इनमें कोई नहीं 1 11 हा,, ज्वू82. दृष्टि-दोष हो जाने से वस्तु का प्रतिब्रिम्ब बनता है :, , (1) रेटिना के आगे (2) रेटिना की पीछे, , (3) (1) एवं (2) दोनों *. . (4) रेटिना पर 5., 560. जो नेत्र दूर की वस्तु को साफ-साफ नहीं देख सकता है, उसमें होता है :, , (1) निकट-दृष्टि दोष (2) दीर्घ-दृष्टि दोष, , (3) जरा-दृष्टि दोष (4) इनमें से कोई नहीं नल, , 50811606 शशा। (ए1750कशशश