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7. चित्र में प्लेट #» पर आवेश होगा , (5४) -10|10, (8) 10|10, (0) गषा०, , (0) 40॥0, , 8. किसी विभवमापी की संवेदनशीलता को बढ़ाने के, लिए , (४) इसका अनुप्रस्थ क्षेत्रफल बढ़ाना चाहिए, (8) इसकी धारा को घटाना चाहिए, , (0) इसकी धारा को बढ़ाना चाहिए, , (0) इनमें से कोई नहीं, , 9. & तथा 8 के बीच समतुल्य धारिता होगी, , (6७) [४, , (8) 9|#, (0) 1|#7, (0) 1/9॥7
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10. अलग-अलग त्रिज्याओं के दो गोलों पर समान, आवेश दिये जाते हैं तो विभव होगा, , (४) छोटे गोले पर ज्यादा होगा, , (8) बड़े गोले पर ज्यादा होगा, , (0) दोनों गोलों पर समान होगा, , (0) गोलों के पदार्थ के प्रकृति पर निर्भर करता है, , 11. त्रिज्या 1 आ॥ के दो चालक गोले 117 से वियुक्त, हैं। दोनों पर समान आवेश 1110 दिया गया है। एक, गोले का विभव ४० है। अनंत पर विभव शून्य है। दूरी, , से सम्पर्क में लाने में किया गया कार्य , (/४) ऋणात्मक, , (8) धनात्मक, , (0) शून्य, , (0) इनमें से कोई नहीं, , 12. त्रिज्या ? के एक छल्ले पर धनावेश 4 एक समान, वितरित है। अनंत पर विभव का मान शून्य लिया गया, है। छल्ले की केन्द्र पर , (४) विभव होगा, , (8) वैधुत क्षेत्र की तीव्रता शून्य नहीं होगी, (0) विभव शून्य होगा, , (0) इनमें से कोई नहीं, , 5एथाा€९ए0 जा (श्वा5091ाश