Question 1 :
<b>निम्नलिखित प्रश्नों के लिए सबसे उचित विकल्प चुनिए-</b> <br/>बोलना कौशल में सबसे अधिक महत्वपूर्ण है-<br/>
Question 4 :
निम्नलिखित में से किस शब्द का संधि विच्छेद सही नहीं है?<br/>
Question 5 :
<b>निम्नलिखित गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और प्रश्न का उत्तर देने के लिए उचित विकल्प का चयन कीजिए। </b> <br/> वाणी ही मनुष्य के व्यक्तित्व का सर्वश्रेष्ठ अलंकार है। वास्तव में वाणी के द्वारा ही मनुष्य अपने विचारों का आदान-प्रदान दूसरे व्यक्तियों से करता है। इसके अतिरिक्त मनुष्य के जीवन पर भी वाणी का अधिक प्रभाव पड़ता है; क्योंकि जो अपनी वाणी समुचित रूप में प्रयोग करते हैं, उन व्यक्तियों के लोगों से मधुर एवं आत्मीय सम्बन्ध बन जाते हैं। उनसे लोगों में कटुता की भावना व्याप्त हो जाती है। लोक-प्रसिद्ध कहावत है कि ‘‘बाताहिं हाथी पाइये, बातहिं हाथी पाँव’’। कवि ने कहा है- ‘‘कागा कासों लेत है, कोकिल काको देय। मीठी बोली बोल के जग अपनों करि लेय’’, मधुर वचन अमृत के तुल्य होता है जो मुरझाए जीवों में नए प्राण का संचार कर देता है। कटु वचन, चाहे सत्य से पूरित हो, कोई सुनना नहीं चाहता, इसीलिए सामाजिक, शिष्टाचार के नियामकों ने कहा है- ‘‘सत्यं ब्रूयात् प्रियं ब्रूयात् न ब्रूयात् सत्यमप्रियं।’’<br/> <br/>क्यों कहा गया है कि ‘प्रिय सत्यं ब्रूयात्ं’, इसलिए कि-<br/> <br/>
Question 6 :
<b>नीचे दिए गए गद्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और प्रश्न के उत्तर के रूप में उचित विकल्प का चयन कीजिए। </b> <br/> एडिसन विश्व के चोटी के आविष्कारक थे। एक जिज्ञासु और धुनी आविष्कारक, जिन्होनें अपनी युक्तियों को कठोर परिश्रम से साकार रूप दिया। वह बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उन्होंने हजार से भी ज्यादा आविष्कार किये। बिजली के बल्ब के क्रांतिकारी आविष्कार ने उन्हें रातोंरात प्रसिद्धी के शिखर पर पहुंचा दिया। इसके आलावा एडिसन ने चलचित्र, फोनोग्राफ, टेलीग्राफ, माइक्रोफोन आदि ढेरों वस्तुएं बनाई। शायद इसलिए उन्हें "मेनलो पार्क का जादूगर" कहा गया। आइंस्टीन ने उन्हें ''सर्वकालिक महान आविष्कारक'' माना। सारी दुनिया ने उनकी प्रतिभा का लोहा माना और उन्हें 'जीनियस' कहकर बुलाया। अपने खाली समय में, एडिसन चीजों को उठाते और परखते रहते कि आखिर वह कैसे काम करती है। अंत में, उन्होंने खुद ही चीजें ईजाद करने का फैसला किया। अपने पहले आविष्कार, इलेक्ट्रिक वोट रिकॉर्डर की विफलता के बाद, एडिसन न्यूयॉर्क शहर चले आए। वहां उन्होंने स्टॉक मार्केट टिकरटेप प्रिंटर में जिस तरह से सुधार किया, वह उनके लिए एक बड़ा अवसर लेकर आया। 1870 तक उनकी कंपनी नेवार्क, न्यू जर्सी में अपने स्टॉक टिकर निर्माण करती रही। उन्होंने टेलीग्राफ में भी बड़ा सुधार किया, अब यह एक ही बार में चार संदेशों को भेजने में सक्षम था। अपने आविष्कारों में पैनापन लाने के लिए एडिसन एकाग्र चित्त होकर काम करना चाहते थे। इसके लिए उन्हें किसी शांत जगह की तलाश थी। 1876 में, एडिसन नेवार्क से मेनलो पार्क, न्यू जर्सी चले आए। यहां उन्होंने अपनी सबसे प्रसिद्ध प्रयोगशाला का निर्माण किया। मेनलो पार्क में वह अकेले नहीं थे बल्कि अपनी मदद के लिए उन्होंने कामगार पाल रखे थे। यह कामगार अमेरिका में अपना भाग्य बनाने दुनिया भर से आए थे, और अपने मुख्य कामगार और स्वयं एडिसन के साथ रात रात भर काम करते थे। एडिसन को तब "मेनलो पार्क का जादूगर" कहा जाता था क्योंकि अपने तीन महत्वपूर्ण आविष्कारों में से दो को उन्होंने यही बनाया था। 1878 के शुरुआत में, एडिसन और कामगारों ने उनकी सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक पर काम किया। उस समय विद्युत प्रकाश प्रणाली का मतलब था, एक प्रकाश लैंप, या ज्यादा से ज्यादा एक बिजली का बल्ब। एडिसन ने जनरेटर, स्विच, प्लग और फ्यूज सहित बिजली संयंत्रों की पूरी प्रणाली ही बना डाली जो बिजली बनाती और तार इसे लोगों के घरों तक दौड़ाते। 1882 में उन्होंने न्यूयार्क के ग्राहकों के लिए ग्रिड पर डीसी करेंट का पारेषण किया। एडिसन को अपने ही कर्मचारी की<b>व्यग्रता</b> से तगड़ा झटका लगा जब निकोला टेस्ला ने एसी करेंट का ईजाद किया, जो पारेषण में कहीं अधिक सस्ता था। 1890 तक एडिसन बिजली वितरण की लड़ाई हार चुके थे। एक वर्ष बाद, एडिसन ने पश्चिम ऑरेंज में एक प्रयोगशाला का निर्माण किया जो मेनलो पार्क की प्रयोगशाला से दस गुना बड़ी थी। वास्तव में, यह दुनिया की सबसे बड़ी प्रयोगशालाओं में से एक थी जो एडिसन जितनी ही मशहूर थी। एडिसन ने अपने 1,093 पेटेंट की आधी कमाई पश्चिम ऑरेंज में कमाई थी। एडिसन ने न केवल फोनोग्राफ को कई बार सुधारा, बल्कि एक्स-रे, स्टोरेज बैटरी, और दुनिया की पहली बोलने वाली गुड़िया पर भी काम किया। पश्चिम ऑरेंज में उन्होंने अपने महान विचारों में से एक ''चलचित्र'' पर काम किया। इन आविष्कारों ने जीने का तरीका ही बदल दिया जिसे आज भी हम अपने जीवन में देखते है। अपनी 84 वर्ष की आयु तक, 18 अक्टूबर, 1931 को अपनी मृत्यु तक, एडिसन यहीं काम करते रहे। उस समय तक, सारी दुनिया ने एडिसन की प्रतिभा का लोहा मान लिया था। लेकिन एडिसन जानते थे, केवल एक अच्छी युक्ति पर्याप्त नहीं, बल्कि सपनों को हकीकत में बदलने के लिए कठोर परिश्रम की जरुरत होती है। यही कारण है, एडिसन का कहना है - "प्रतिभा, 1% प्रेरणा और 99% पसीना है।"<br/> <br/>गद्यांश में प्रयुक्त शब्द<b>‘व्यग्रता’</b> का कौन सा शब्द समानार्थी अर्थ प्रकट नहीं करता है?<br/>