Question 1 :
<b>निम्नलिखित अपठित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दें।</b> <br> <br> यदि फुल नहीं बो सकते तो काँटे कम से कम मत बोओ। <br> “क्या करोगे अब? <br> समय का <br> जब प्यार नहीं रहा <br> सर्वहारा पृथ्वी का <br> आधार नहीं रहा <br> न वाणी साथ है <br> न पानी साथ है <br> न कही प्रकाश है स्वच्छ <br> जब सब कुछ मैला है आसमान <br> गंदगी बरसाने वाले <br> एक अछोर फैला है <br> कही चले जाओ <br> विनती नहीं है <br> वायु प्राणपद <br> आदमकद आदमी <br> सब जगह से गायब है” <br> <br>काव्यांश के अनुसार, आसमान की तुलना किससे की गई है?
Question 2 :
<b>निम्नलिखित अपठित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दें।</b> <br> कहती है सारी दुनिया जिसे किस्मत <br> नाम है उसका हकीकत में मेहनत। <br> जो रचते हैं, खुद अपनी किस्मत, वे कहे जाते हैं साहसी <br> जो करते हैं, इश्वर से शिकायत, वे कहे जाते हैं, आलसी। <br> जो रुक गया, मिट गया उसका नामो-निशाँ <br> जो चलता रहा, अपनी मंजिल वो पा गया। <br> ख़ुशी के हकदार हैं वही, जिन्होंने दुःख को सहा <br> छोड़ कर दामन फूलों का, काँटो की राह को चुना। <br> निराशा का अंधकार मिटाकर, आशा के दीप जलाओं <br> छोड़ भाग्य की दुहाई, अपनी किस्मत स्वयं बनाओं। <br>पद्यांश के अनुसार, हकीकत में किस्मत किसे कहते हैं?
Question 3 :
<b>निम्नलिखित प्रश्न के लिए सबसे उचित विकल्प चुनिए-</b> <br>यौगिक शब्द है-
Question 6 :
<b>निम्नलिखित अपठित काव्यांश के आधार पर पूछे गए प्रश्नों का उत्तर दें।</b> <br> कहती है सारी दुनिया जिसे किस्मत <br> नाम है उसका हकीकत में मेहनत। <br> जो रचते हैं, खुद अपनी किस्मत, वे कहे जाते हैं साहसी <br> जो करते हैं, इश्वर से शिकायत, वे कहे जाते हैं, आलसी। <br> जो रुक गया, मिट गया उसका नामो-निशाँ <br> जो चलता रहा, अपनी मंजिल वो पा गया। <br> ख़ुशी के हकदार हैं वही, जिन्होंने दुःख को सहा <br> छोड़ कर दामन फूलों का, काँटो की राह को चुना। <br> निराशा का अंधकार मिटाकर, आशा के दीप जलाओं <br> छोड़ भाग्य की दुहाई, अपनी किस्मत स्वयं बनाओं। <br>पद्यांश के अनुसार, सच्ची ख़ुशी का हकदार कौन है?
Question 8 :
‘युद्ध की इच्छा’, इस वाक्यांश के लिए एक शब्द का चयन कीजिए।
Question 9 :
<b>निम्नलिखित काव्यांश को ध्यानपूर्वक पढ़िए और उसके अनुरूप उत्तर दीजिए।</b> <br> चमकीली है सुबह आज आसमान में <br> निश्चय कल की सुबह और चमकीली होगी <br> बेचैनी की बाँहों में कल फूल खिलेंगे <br> घुटन गमकती साँसों की आवाज सुनेगी। <br> कुंठाओं की टहनी छिन्न-भिन्न होगी फिर <br> आशा अपने हाथों से अब कुसुम चुनेगी <br> चटकीली है आज चहकती हुई चाँदनी <br> कल चंदा की किरण और चटकीली होगी <br> खुल जाएँगें अब सबके दिल के दरवाजे <br> आँखें अपनी आँखों को पहचान सकेंगी। <br>‘चाँदनी’ का विशेषण है-
Question 10 :
‘तरनि तनुजा तट तमाल तरुवर बहु छाए’, इस पंक्ति में कौन सा अलंकर है? <br>