Question 11 :
स्त्राव मुख्य रूप से किस सन्धि से होते है ।
आ अपांग ब कनिनक स दोनो द कृष्ण शुक्ल सन्धि
Question 15 :
अर्क अंकुर स्वरस पुरण चिकित्सा सुश्रुत अनुसार किस कर्णरोग में निर्देशित है
Question 26 :
ताम्रा तन्वी दाह शूल युक्त रक्त दोष से उतपन्न नेत्र रोग है
Question 29 :
वर्तमगत नेत्र रोगों में भेदन साध्य नेत्र रोगों की संख्या है
Question 49 :
पित्त विदग्ध दृष्टि में दोष के किस पटलगत होने पर दिवा अंधता लक्षण होते है
Question 56 :
नासा व शिर में संचित सांद्र विदग्ध कफ का पिघलकर बाहर निकलना कहलता
Question 58 :
नासा में स्थित कफ के शुष्क हों जाने से मनुष्य को उर्ध्व स्वास व अध स्वास में कठिनाई होती है लक्षण है
Question 59 :
घ्राण आश्रित मर्म की दुष्टि किस नासा रोग में होती है
Question 70 :
मनुष्य जिस पार्श्व में शयन करता है उसी पार्श्व में कण्ठ रोग का होना लक्षण है
Question 77 :
थूकने के साथ रोगी को बार बार रक्त आना लक्षण है
Question 81 :
वाग्भट अनुसार ओष्ठ ,, दन्त ,दन्तमूल ,जिह्वा गत रोगों की संख्या है क्रमश
Question 88 :
चरक अनुसार कोनसा शिरोरोग अत्यधिक बड़ जाने पर कर्ण नेत्र को नष्ट कर देता है
Question 91 :
धूमपान रक्तमोक्षण स्वेदन से कोनसे शिरोरोग में व्रद्धि हो जाती है
Question 92 :
शिरीष मूल स्वरस का नस्य सुश्रुत अनुसार किस शिरोरोग में निर्देशित है
Question 94 :
सुश्रुत व माधव अनुसार कर्णक्ष्वेड़ व्याधि में दोष प्रधनता है क्रमश
Question 96 :
कर्ण में संचित कफ पित्त की ऊष्मा से पिघलकर वेदना या बिना वेदना के बाहर निकलता है
Question 98 :
लाक्षा रसांजन मधु का कर्ण पुरण किस कर्ण रोग में करते है
Question 99 :
निर्गुन्डी स्वरस तेल का कर्ण पूरण किस कर्ण रोग में करते है