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पारिस्थिकी (६००।०५५)- अर्नेस्ट हीकल के अनुसार, “जीवों के कार्बनिक तथा अकार्बनिक वातावरण और पारस्परिक, सम्बन्धों के अध्ययन को पारिस्थितिकी अथवा पारिस्थितिक-विज्ञान कहते है, , सामान्य भाषा में जीव तथा उसके चारों ओर उपस्थित पर्यावरण के पारस्परिक सम्बन्धों के अध्ययन को, पारिस्थितिकी कहते है|, , पर्यावरण (६1५४0111911)- पर्यावरण शब्द दो शब्दों से मिलकर बना है- परि + आवरण| 'परि' का अर्थ है- चारों तरफ, से और 'आवरण' का अर्थ है- ढके हुए| इस प्रकार हमारे आस-पास और चारों ओर जो कुछ भी है, वही पर्यावरण या, वातावरण कहलाता है| पर्यावरण का कोई भी घटक जो प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जीव को एक विशेष प्रकार से, प्रभावित करता है, पर्यावरणीय कारक कहलाता है|, , पर्यावरण के प्रकार- बाहय पर्यावरण प्रमुख रूप से निम्नलिखित तीन रूपों में विद्यमान है1. भौतिक पर्यावरण या प्राकृतिक पर्यावरण, 2. जैविक पर्यावरण, 3. मनो-सामाजिक पर्यावरण, 1. भौतिक पर्यावरण या पाकृतिक पर्यावरण, , पर्यावरण का प्रमुख भाग भौतिक पर्यावरण से मिलकर बनता है| जिसके अंतर्गत वायु, जल;-खादूय पदार्थ, भूमि, ध्वनि,, ऊष्मा, प्रकाश, नदी, पर्वत, खनिज पदार्थ, विकिरण एवं अन्य पदार्थ सम्मिलित है-जिनसे मनुष्य का| निरन्तर सम्पर्क, रहता है| हमेशा इन घटकों के सम्पर्क में रहने के कारण ये मानव स्वास्थ्य 'पर-सींधाँ प्रभाव डालते है| सामान्य अवस्था, की सामंजस्यता टूटने से मनुष्य पर्यावरण के दुष्प्रभावों से प्रभावित-हो जाता-है|, , 2. जैविक पर्यावरण, , सम्पूर्ण भूमण्डल में जैविक पर्यावरण बहुत बड़ाःअवयेव है, जो की; मानवों के-इर्द-गिर्द रहता है| यहाँ तक कि एक मानव, के लिए दूसरा मानव भी पर्यावरण का.एक-भोग है| जीव-जन्तु एवं वनस्पति इस घटक के प्रमुख सहयोगी है| जैविक, पर्यावरण को दो भागों में विभकत किया जा सकता है- (1) प्रौँधों का वातावरण तथा (2) जीवों व जानवरों का वातावरण|, सभी जीव एक सामाजिक समूह में कार्य "करते है|, , 3. मनोन््सामाजिक पर्यावरण, , मनो-सामाजिक. पर्यावरण 'मानव के सामाजिक सम्बन्धों से प्रकट होता है| इसके अन्तर्गत हम सामाजिक. आर्थिक,, सांस्कृतिक, राजनैतिक, एवं आध्यात्मिक क्षेत्रों में मानव के व्यक्तित्व के विकास का अध्ययन करते है|, , वासस्थान (।119७91)- सभी जीव एक निश्चित स्थान पर रहते है और जीवन की विभिन्न क्रियाएं, जैसे- जनन आदि, करते है|-वासस्थान वह स्थान है जहाँ पर कोई जीव या समष्टि सामान्य रूप से निवास करते है| सामान्यतः वासस्थान, एक-वबृहत क्षेत्र होता है, जिसमें जीव या समष्टि या फिर अनेक जातियां निवास करती है|, , पारिस्थितिक संगठन (६००।०ध०४। ०99॥158#01)- पारिस्थितिक जगत में पाए जाने वाले क्रियाशील घटकों का, क्रमबध्द संगठन जो आरोही क्रम में उपस्थित रहता है, पारिस्थितिक संगठन कहलाता है| प्रत्येक जीव एक समष्टि, एक, समुदाय, पारितंत्र, जीवोम एवं जीवमंडल का सदस्य भी होता है| पारिस्थितिक संगठन के विभिन्न स्तर निम्नलिखित है