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501 ५शा।॥ ४४25 01106, , 'शिक्षा हमारा अधिकार" यह कहानी है उन बच्चों की जिनका जिवन शिक्षा नहीं बल्कि मुस्किल दौर के, साथ घुटने टेक देती है |, , मैं एक शिक्षक हूँ मैं आज कुछ बच्चों को लेकर कुछ बातें बताने का प्रयास कर रहा हूँ कि आपको, पता भी है कि हमारे देश में अनेक प्रकार के विद्यार्थियों को अलग अलग शिक्षा दिया जाता है हम, बात कर रहे सभी प्रकार के उन राज्य एवं केन्द्र स्थित विद्यालयों की जो शिक्षा के नाम पर पैसा, कमाने का व्यपार बना लिया है किसी विद्यालय में काठ में तो किसी में कुछ और मगर किसी में भी वह, , नहीं पढाया जा रहा है ताकि बच्चों के पास के अलावा भी हमारे अपने संस्कृति और संस्कार, को लिखों जाता हो , चलो हमने मान लिया कि आप कहोगे बड़े बड़े विद्यालयों में तो पढाया जा, रहा है!, , तो मेरा सवाल यह है कि वाकई मे हमारे देश के विद्यालयों में वो शिक्षा मिल रहा है क्या जिससे, हमारे देश के बच्चों में एकता, सहयोग, देश को ताकतवर बानाने कि एवं सच्चाई का साथ देने कि, क्षमता हो? नहीं ना! हमारे भारत देश में हर कोई जात- पात और धर्म कि लड़ाई में व्यस्त है ,कोई, भारत देश के लिए एक भारतीय होने का कर्तव्य दिल से नहीं निभा रहा है सिर्फ भारत माता कि जय, कहने से हमारा देश विकसित नहीं हो सकता हमे हमारे बच्चों को वैसी शिक्षा देनी होगी जो उनको, उनके 18 साल के होने के साथ ही अपने दिमाग से अपनी और अपने देश कि आर्थिक स्थिति को, सुधारने में सहयोग कर सके |, , क्योंकि जब एक कु रु चानक्या ने चंद्रगुप्त मौर्य को अखंड भारत के निर्माण , न्याय एवं शासन का ज्ञान, सिखा सकते हैं तो हमारे देश के इतने शिक्षक मिलकर हमारे बच्चों को क्या सिखा रहे हैं कि हमारे, देश को एक भी नायक नही मिल सके? ये शिक्षक लोग नायक इसलिए नही बनाना चाहते हैं, क्योंकि ये खुद नायक बनकर गरीब को फिस के नाम लुट मचाए रखना चाहते हैं | आप जरूर सोचना!, , हर बच्चों का शिक्षा पर अधिकार है मगर जिस प्रकार शिक्षा पुंजिपतियो कि जागीर बनी रू है वैसी, शिक्षा क्या हमारे देश के बच्चों को वह दे पाएगी जिससे कि सरकारी विद्यालय के बच्चे भी सरकारी, नौकरी के बजाय पुरे समाज के कल्याण के लिए देश कि आर्थिक स्थिति के लिए काम कर पाएश्नहीं, दे पाएगी क्योंकि गरीब के बच्चों में हिम्मत तो होती है मगर कोई सहयोग नहीं |, , आज मै खुले तौर पर यह कहना चाहता हूँ कि मैं आपके बच्चों की पढाई मुफ्त कराऊंगा और उनको, उस काबिल बनाऊंगा जिससे कि वह हर प्रकार का ज्ञान रख कर सही फैसला ले सके चाहें वो धर्म, हो , तकनीक हो, चाहे नेता बनने कि चाह हो या चाहे वह कोई व्यपारि या अधिकारी ही क्यों न, बनना चाहता हो |, , बस हमारी एक ही शर्त है कि हमारे दूरा पढने वाले बच्चे राष्ट्र निर्माण में सहयोग अवश्य करें |, , आप भी यदि शिक्षित व्यक्ति हैं तो आप भी अपने देश को जब _त करने के लिए आप अपने आस, पास के बच्चों को अवश्य हि शिक्षा दे ताकि जिससे कि कोई अधिकारी हैं तो वह भी, अधिकारी बनाने का प्रयास करे और यदि आप व्यापारी है तो आपके शिक्षा देने से वह भी अपने देश, का व्यापारी बन जाए तो उसे व्यपार कि शिक्षा अवश्य देने का प्रयास करें, यानि आप सभी जो जिस, क्षेत्र से है वह उस क्षेत्र को और मजबूत करें देश कि खातिर, तब बनेगा हमारा भारत विश्व गुरु सिर्फ, बड़ी -बड़ी बात करने से नहीं बनेगा इसलिए आप अपने लिए सोचने के साथ साथ देश कि ताकत को, मजबूत करने में सहयोग करे|, , सरकार जात पात से आरक्षण हटा कर सिर्फ आर्थिक आरक्षण देना चाहिए वो भी सिर्फ शिक्षा के और, , स्वास्थ्य के लिए उसके अलवा सभी आरक्षण को बंद कर देना चाहिए जिससे हमारे देश कि, अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान हो |, , लेखक :- मयूर राज पाण्डेय