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है गए, (एश्ाबष्ठा8ए॥ १7109), , , , , , पलोद शब्द को अंग्रेजी में "१४88" कहा जाता है। अनुच्छेद-लेखन के अंतर्गत किसी विषय विशेष पर, हो में अपने विचार व्यक्त करे होते हैं। विचार व्यक्त करते समय यह ध्यान रखा जाता है कि विषय से संबंधित, झलत प्रमुख बातों का समाहार हो जाए।, , लुषद-लेखन उच्चतम अभिव्यक्ति कला के नमूने होते हैं। किसी भी विषय पर स्वतंत्र रूप से लिखने की कला, हक्षप्तित करे का अर्थ होता है- भाषा पर संपूर्ण अधिकार, शब्दावली और रंज-रंजनाओं का सहज प्रयोग।' इस, , | 'ओुच्छेद' गदय कौ वह विधा है, जिसके अंतर्गत किसी निर्दिष्ट विषय पर संक्षेप में वे बातें कही जाती हैं, थे पाठक के मन पर सीधे-सीधे प्रभाव डालें।, , बच्छे अनुच्छेद-लेखन के लिए निम्नलिखित विशेषताओं की अपेक्षा होती है» विषय का सम्यक ज्ञान।, » दिए गए विषय से मिलते-जुलते विषयों की समानता एवं भिलता का ज्ञान।, » भाषा के शब्द-भंडार पर अधिकार।, * भाषिक संरचनाओं का पूरा ज्ञान।, « बड़ी बात को छोटे-छोटे वाक्यांशों, पदबंधों आदि के माध्यम से व्यक्त कर पाने की अभिव्यक्ति क्षमता।, * विषय से संबंधित प्रमुख उक्तियों को बल देकर प्रस्तुत करना।, , भ्ुच्छेद-लेखन के संबंध में ध्यान रखने योग्य बातें, * माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अनुच्छेद-लेखन के लिए दो मानदंड तय किए हैं, (क) अनुच्छेद अधिकतम 80 से 100 शब्दों का हो।, (ख) अनुच्छेद दिए गए संकेत-बिंदुओं के आधार पर लिखा जाए।, , * इसका अर्थ यह है कि छात्रों को अपनी बात संक्षेप में, सुगठित शैली में व्यक्त करनी होगी। सामान्यतः एक, पंक्ति में लगभग 10-12 शब्द आते हैं। यदि एक पंक्ति में औसत 10 शब्द मान लें तो अनुच्छेद आठ-दस, पंक्तियों से बड़ा नहीं होना चाहिए।, , ' जहाँ तक बात 'संकेत-बिंदुओं' के आधार पर लेखन की है, यह संभवत: इसलिए किया गया है कि छात्र, रटकर अनुच्छेद न लिखें। उनमें यह योग्यता विकसित होनी चाहिए कि वे दिए गए संकेत-बिंदुओं पर अपने, विचार व्यक्त कर सकें।, , * अत: अनुच्छेद लिखते समय संकेत-बिंदुओं पर अपना ध्यान केंद्रित करें और उन्हीं बिंदुओं को अपने अनुच्छेद, में विस्तार दें।, , * ऐक बार अनुच्छेद-लेखन का कार्य पूरा हो जाए तो उसे ध्यान से पढ़ें और देखें कि संकेत-बिंदु से संबंधित, कोई बात छूट तो नहीं गई है।
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नीचे विभिन्न विषयों पर अनुच्छेदों के नमूने प्रस्तुत किए जा रहे हैं, | अधुनातन विषयों से संबंधित अनुच्छे विषयों से संबंधित अनुच्छेद, का 2 2 के, , कैशलेस इंडिया-सुदृढ़ अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ता कदम, , संकेत-बिंदु : ० कैशलेस इंडिया प्रारंभ करने का उद्देश्य » लाभ * अर्थव्यवस्था के लिए किस प्रकार लाभकारी, अधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 दिसंबर, 2016 को नोटबंदी कौ घोषणा की और पाँच सौ व हज़ार के नोट बंद कर, 1ए। प्रधानमंत्री का यह निर्णय वस्तुतः भारत को 'नकदी रहित भारत' या “कैशलेस इंडिया' बनाने की कह, उढ़ाया गया कदम है। नकदी रहित भारत एक मिशन है, जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भार सका ने, शुरू किया है। इस मिशन का उद्देश्य है कि भारतीय अर्थव्यवस्था की निर्भरता 'नकदी' पर कम हो, जिसे दे, मात्रा में देश के छुपे काले धन को बैंकिंग प्रणाली में वापस लाया जाए। प्रधानमंत्री मोदी के इस ऐतिहासिक गिय, जा स्वागत देश के भ्रष्ट राजनेताओं एवं व्यापारियों को छोड़कर लगभग सभी लोगों ने किया। यद्यपि इस निरंय, के कारण आम लोगों को तीन-चार महीनों तक कष्ट झेलना पड़ा, तथापि लोगों ने इस निर्णय का दिलि, प्रमर्थन किया। यह एक ऐसा निर्णय है, जो आगे चलकर हमारे देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करेगा। विश्व बैंक, की रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि विमुद्रीकरण भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अंततः लाभकारी सिदूंध होगा, इससे भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर में भी अच्छी प्रगति होने की संभावना है।, , [2 ] प्रधानमंत्री जन-धन योजना - गरीबों के लिए वरदान, , संकेत-बिंदु : « कब प्रारंभ ० किस प्रकार शुभारंभ हुआ ० परिणाम, , प्रधानमंत्री जन-धन योजना' का शुभारंभ 28 अगस्त, 2014 को भारतीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने किया। इस, योजना को शुरू करने से पहले मोदी जी ने सभी बैंकों को एक ई-मेल भेजा, जिसमें उन्होंने 'हर परिवार के लिए, एक बैंक खाता' ज़रूरी होने कौ घोषणा की। उन्होंने “हर परिवार के लिए बैंक खाते' को एक 'राष्ट्रीय प्राथमिकता, बोषित किया और सात करोड़ से भी अधिक परिवारों को इस योजना में प्रवेश देने और उनका खाता खोलने के, लिए सभी बैंकों को निर्देश दिए। प्रसनता की बात तो यह है कि इस योजना के अंतर्गत उद्घाटन के दिन ही 15, करोड़ बैंक खाते खोल दिए गए। इस योजना के तहत जिस व्यक्ति का बैंक में खाता खोला जाएगा, उसे डेबिट, कार्ड मिलेगा, उसका एक लाख रुपये का बीमा किया जाएगा, उसका बायो-मेट्रिक पहचान-पत्र बनाया जाएगा तथा, प्रकार से मिलनेवाली आर्थिक राशि सीधे व्यक्ति के खाते में जमा होगी। वास्तव में, “प्रधानमंत्री जन-धन योजना', गरीबों के लिए एक वरदान ही है।, , , , , , [3] विज्ञापन और हमारा जीवन, , संकेत-बिंदु : ० विज्ञापन का प्रचार # प्रचार का मनुष्य पर प्रभाव » व्यक्ति का उचित दृष्टिकोण हे, आज विज्ञापनों ने हमारे जीवन में एक अहम् जगह बना ली है। आज विज्ञापनों का प्रचार-प्रसार व्यक्ति के के, पष्क पर ऐसा मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालता है कि व्यक्ति उससे निकल ही नहीं पाता। आज विज्ञापों का, उकड़ता जा रहा है। एक ओर विज्ञापनों के द्वारा घर बैठे-बैठे लोगों को रोज़गार, नौकरी, शादी हक कुछ कि, पुगमता से प्राप्त हो जाती हैं तो दूसरी तरफ आम व्यक्ति इनके भ्रमजाल में फँसता चला जाता गा, ह के बच्चों पर बहुत गलत प्रभाव डालते हैं। विज्ञापन के भड़कीले तथा घिनौने रूप हा हक, | विनर पं चर रोक लगे जो कि युवा वर्ग पर अपना मनोवैज्ञानिक प्रभाव डालकर उनको दूषित कर |, 1; द्
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संकेत-बदु : ० ज्ञान मानव पट... गे, प्रदत्त ही तो है, विश्ञान मानव प्रदत्त ऐसा वरदान है वेरदान ५ विज्ञान विज्ञान, की सुख-सुवि * जिसने के, भूमिका अहम् ॥ सभी, है। मनुष्य विज्ञान के उपकार से है। जो रोग असा्य साहे उभरा है। चिकित्सा के. विज्ञान की ही देन हैं। सारा, , क्योंकि चिकित्सकों ने उन्हें साध्य, संक्ेत-बिंवु [5] टेलीविजन को गत के लिए वन ही, -बिंबु : ० टेलीविजन का स्वास्थ्य एवं शिक्ष न बनाएँ लत, 'हा' शब्द उन आदतों के लिए अयुक्त किया जाता है वी बच्चों पर नियंत्रण, अच्छी, , 'लत' बनता जा रहा है। यदि बच्चे शिक्षा जो अच्छी नहीं मानी जातीं, पर्व मे कषा देनेवाले कार्यक्रम देखें मानी जातीं। आजकल टेलीविजन, #ध्यवर्गीय परिवारों में टेलीविजन मनोरंजन देखें तो कोई बात नहीं न, भ न ध्यवर्गीय, न का सबसे बड़ा साधन बन गया है। जब जन मटका है जो, , बच्चे उससे ही चिपक जाते हैं और उसकी लत का दुष्प्धा, इनके स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। इस सर मेज की हल, तो ड़ हा को की से पक, कला होगा तभी वे अपने बच्चों को टेलीविजन को लत से मुक्त करा सह ों को स्वयं पर नियंत्रण, सक ; [6] कंप्यूटर : एक अनिवार्य आवश्यकता, -बिंबु : * कंप्यूटर एक इलेक्ट्रॉनिक मस्तिष्क ० कंप्यूटर के चमत्कार « कंप्यूटर के प्रयोग से हानियाँ, , आज का युग कंप्यूटर का युग है। कंप्यूटर मानव दूवारा निर्मित “इलेक्ट्रॉनिक मस्तिष्क' है जो हर समस्या का पलक, बृपकते ही समाधान प्रस्तुत कर देता है। बैंक, रेल-सेवा, विमानों का संचालन, सेटेलाइट सेवा, टेलीफोन, शिक्षा आदि, प्रो में बहुत समय से यह अपनी सेवाएँ देता आ रहा है, पर आज इसने आम आदमी के घर में बाज़ार को लाकर, उड़ा कर दिया है। कंप्यूटर का दुर्बल पक्ष भी है कि इसके समक्ष अधिक समय बितानेवाली आज कौ पीढ़ी के, स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है, पर यह दोष कंप्यूटर का प्रयोग करनेवाले का है। अतः कंप्यूटर का प्रयोग, झ॒ प्रकार करें, जिससे मोटापा, आँखों के रोग, शुगर, तनाव, स्ोंडेलाइटिस अदि गोणों को आपने से दू रख सके, , 7] खेलकूद में कीर्तिमान रचती महिलाएँ ेल्, संकेत-बिंदु : » समय के साथ चलती महिलाएँ * क्रय सर पर पहन * खेत का है, चहे वे टेनिस कौ सनसनी सानिया मिर्जा हों वा बैडमिंटन) में आग है के लिए खत पह्क जीोवली, हक 5० नी 2 2016 में यहली बार महिला एकल (बैडमिंटन) में भारत के कक हिश, पै्बी० सिंधु हों या फ्री स्टाईले कुश्ती बल आओ, करमाकर। सबने अपनी प्रतिभा ऐवे करोड़ों भारतीय महिलाओं का विषय नहीं रहा। अपनी मेधा, महिलाओं ने अपनी विशिष्ट है। अब खेलकूद हैं, , पिवका जमाने हेतु अनुप्रेरित किया ' क्षेत्र में, , को विम्मण्े के साथ-साथ मंहिलाएँ हर