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विज्ञापन-लेखन, , साधारण भाषा में विज्ञापन का आशय वस्तु या उत्पाद के संबंध में विशेष ', जानकारी प्रदान करने के ढंग से लगाया जाता है, लेकिन यह विचारधारा, स्वयं में अपूर्ण है। वर्तमान में विज्ञापन का क्षेत्र काफी व्यापक होता जा रहा :, है। आजकल विज्ञापन में उन सभी क्रियाओं को शामिल किया जाता है, जिनके ., दवारा ग्राहकों को वस्तुओं तथा सेवाओं से संबंधित जानकारी प्रदान करने के ., साथ-साथ उन्हें क्रय करने हेतु प्रेरित किया जाता है। वास्तव में “ विज्ञापन एक ', ऐसा साधन है, जिसके दूवारा ग्राहकों को वस्तुओं अथवा सेवाओं के संबंध में :, जानकारी दी जाती है और उन्हें क्रय करने के लिए प्रेरित एवं आकर्षित किया ', , जाता है।
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विज्ञापन के उद्देश्य, , ४४०७०७४७२९३९०९७०७०७४७९७०००००५०००००००००००००००२००, , * उत्पादों का परिचय कराना।, , * उपभोक्ताओं का ध्यान उत्पाद की ओर आकर्षित करना।, , * उत्पादों में रुचि उत्पन्न करना।, , * उत्पादों के प्रति विश्वास उत्पन्न करना।, , * उपभोक्ताओं को उत्पादों की आवश्यकता का अनुभव कराना, , * उपभोक्ताओं में वस्तुओं की क्रय-इच्छा उत्मन््न करके उन्हें बाज़ार
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तक खींच लाना।, , / * उत्पादों के विक्रय में वृद्धि करना।, , | * उत्पादों का तुलनात्मक विवरण प्रस्तुत करके वस्तुओं के चयन में, : उपभोक्ताओं की मदद करना।, , : « उत्पादक तथा उपभोक्ता के मध्य अच्छे संबंध बनाना।, , * उत्पादों का व्यापक प्रचार करना।, , * उत्पाद एवं उत्पादक की प्रतिष्ठा में वृद्धि करना।, , * उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं के मन में वैज्ञानिक और तार्किक, दृष्टिकोण विकसित करना।, , *« उत्पादकों की आकर्षक योजनाओं से उपभोक्ताओं को परिचित, '. कराकर उउ्हें उत्पादों के प्रति आकर्षित करना।, : * उत्पादकों के लाभ में वृद्धि करना।, , : * अपनी सेवा, संस्था या उद्योग के लिए उपयुक्त लोगों को खोजना।, , 1. का कप
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विज्ञापन की आवश्यकता, , : « बाज़ार में लुप्त होने के कगार पर स्थित उपयोगी उत्पादों को पुनर्जीवित, करने के लिए।, : * नए उत्पादों अथवा विचारों को प्रोन्नत करके उनका बाज़ार विकसित, : करने के लिए।