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1063 (मरा, , पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन 13, , , , , , 13.1 भूमिका, , कक्षा [7 से, आप कुछ ठोस आकृतियों जैसे घनाभ, शंकु, बेलन और गोला से परिचित हो, चुके हैं (देखिए आकृति 13.1)। आप यह भी पढ़ चुके हैं कि इन आकृतियों के पृष्ठीय, क्षेत्ररल और आयतन किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं।, , 1 & ६1९), , () ॥॥]| श), आकृति 13.1, , अपने दैनिक जीवन में हमें ऐसे अनेक ठोस देखने को मिलते हैं जो उपरोक्त दो या, अधिक आधारभूत ठोसों के संयोजनों से (अर्थात् इनको मिलाकर) बनते हैं।, , आपने एक ट्रक के पीछे रखे बड़े कंटेनर, , (०णाभ्रा।श) को अवश्य ही देखा होगा (देखिए, आकृति 13.2), जिसमें एक स्थान से दूसरे, स्थान तक तेल या पानी ले जाया जाता है। क्या, , इसका आकार उपरोक्त चारों ठोसों में से किसी, एक के आकार जैसा है? आप यह अनुमान लगा, सकते हैं कि यह ठोस एक बेलन और उसके, दोनों सिरों पर दो अर्धगोले लगने पर बना है।, , , , , , आकृति 13.2, , 2020-21
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पृष्ठीय क्षेत्रफल और आयतन 263, , , , पुनः, आपने ऐसी वस्तु भी अवश्य देखी होगी जो, आकृति 13.3 में दर्शाई गई है। क्या आप इसका नाम ६3, बता सकते हैं? यह निश्चय ही एक परख नली (९४, 170७९) है। आपने इसे अपनी विज्ञान प्रयोगशाला में प्रयोग, किया होगा। यह परखनली भी एक बेलन और एक, अर्धगोले से मिलकर बनी है। इसी प्रकार, यात्रा करते, समय भी उपरोक्त ठोसों के संयोजनों से बने अनेक बड़े, और सुंदर भवनों अथवा स्मारकों को आपने देखा होगा।, , यदि किन््हीं कारणवश, आप इन ठोसों के पृष्ठीय, क्षेत्रफल या आयतन या धारिता ज्ञात करना चाहें तो आप ऐसा किस प्रकार करेंगे? आप ऐसे, ठोसों को अब तक पढ़ी हुई चारों ठोस आकृतियों में से किसी एक के रूप में वर्गीकृत नहीं, कर सकते।, , इस अध्याय में आप यह देखेंगे कि इस प्रकार के ठोसों के पृष्ठीय क्षेत्रफल और, आयतन किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं?, , 13.2 ठोसों के संयोजन का पृष्ठीय क्षेत्रफल, , आइए उस कंटेनर पर विचार करें जो हमने आकृति 13.2 में देखा था। इस प्रकार के ठोस, का पृष्ठीय क्षेत्रफल हम कैसे ज्ञात करें? अब, जब भी हमारे सम्मुख कोई नई समस्या आती, है तो हम सर्वप्रथम यह देखने का प्रयत्न करते हैं कि क्या हम इसे ऐसी छोटी समस्याओं, में तोड़ सकते हैं जिन्हें हम पहले हल कर चुके हैं। हम देख सकते हैं कि यह ठोस एक, बेलन के दोनों सिरों पर एक-एक अर्धगोला लगाने से बना है। यह आकृति 13.4 में दिखाए, ठोस जैसा लगेगा, जबकि हम सभी टुकड़ों को एक साथ मिला लेते हैं।, , 8 00076 कि) 7 )), , आकृति 13.4, यदि हम नयी बनी हुईं वस्तु को देखें, तो हमें केवल दोनों अर्धगोलों तथा बेलन के, केवल वक्रपृष्ठ दिखाई देंगे।, इसलिए इस ठोस का संपूर्ण पृष्ठीय क्षेत्रफल तीनों भागों के वक्र पृष्ठीय क्षेत्रफलों के, योग के बराबर होगा। इससे हमें प्राप्त होता है:, , आकृति 13.3, , 2020-21