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# जनन-, (6) जनन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा सजीव अपने जैसे नए जीव उत्पन्न करते हैं।, यह पृथ्वी पर जीवन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए आवश्यक है।, , (0) कोशिका के केन्द्रक में पाए जाने वाले गुणसूत्रों के डी. एन. ए. (99५ -डिऑक्सीराइबो, न्यूक्लीक अम्ल) के अणुओं में आनुवंशिक गुण होते हैं।, , (॥0) डी. एन. ए. (99५) प्रतिकृति बनाता है तथा नई कोशिकाएँ बनाता है। इससे, कोशिकाओं में विभिन्नता उत्पन्न होती है। ये नई कोशिकाएँ एकसमान हैं परन्तु, समरूप नहीं।, , विभिलता का महत्त्व, ()) लम्बे समय तक प्रजाति (स्पीशीज) की उत्तर--जीविता बनाए रखने में उपयोगी।, (0) जैस विकास का आधार।, प्रजनन के प्रकार-- () अलैंगिक प्रजनन, (0) लैंगिक प्रजनन, 6) अलैंगिक प्रजनन-., * एकल जीव नए जीव उत्पन्न करता है।, * युग्मक का निर्माण नहीं होता है।, , * नया जीव पैतृक जीव के समान/समरूप होता है।, , * सतत् गुणन के लिए यह एक बहुत ही उपयोगी माध्यम है।, * यह निम्न वर्ग के जीवों में अधिक पाया जाता है।, , (0) लैंगिक प्रजनन, * दो एकल जीव (एक नर व एक मादा) मिलकर नया जीव उत्पन्न करते हैं।, * नर युग्मक व मादा युग्मक बनते हैं।, , हुई जीव जतन कैसे करते हैं ज्ु