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और सगाचर माचको ओ एक तंग व जय ते तक मत कल पे कक और समाचार वाचकों की लंबी, । संभावनाओं वाला दम फौज को जरूरत होगी। उस समय रेडियो एक बड़ी चुनौती, री तर सक्रिय है। वह इसके लिए पूरी तैयारी होगा। युवावर्ग इन चुनौतियों को उठाने और संभावनाओं को तलाशने, 1 मत रेडियो आपका अच्छा मित्र साबित सा में जुटा है। सरकार निरंतर नये-नये कोर्स शुरू कर रही है।, भ्रविष्य चौबीसों घंटों चलने वाले ।बित हो सकता है, उससे दोस्ती करिए क्योंकि आधुनिक भारत के संदर्भ में, म्रक्ी अपेक्षा अधिक सुरक्षित सफल इसी चमत्कारी डिब्बे रेडियो में सुरक्षित है। फलस्वरूप रेडियो अन्य संचारी, 5» है। ल है। निश्चित रूप से रेडियो और रेडियो पत्रकारिता का भविष्य उज्ज्वल माना |, 9. जनसंचार के सब से लोकप्रिय, प्र्शा मी वा जल और प्रभावशाली माध्यम सिनेमा पर टिप्पणी लिखिए।, कॉम नी करता पर फिर भी इस से ० है। चाहे यह जन संचार के अन्य माध्यमों की तरह सीधी सूचना, सशक्त माध्यम तो निश्चित रूप से परीक्षा रूप में सूचना, ज्ञान और संदेश अवश्य मिलते हैं। यह मनीर॑जन, की में मिनेटिस्कोप के खोज है। सिनेमा का आविष्कार थॉमस अल्वा एडिसन ने किया था। यह खोज, कसम तकनीक का कस से जुड़ी हुई है। संसार की पहली फ़िल्म फ्रांस में " द अरावइल आफ् ट्रेन' नाम से, | थी सन् 1913 में बनी ' बहुत तेज़ी से हुआ है। भारत में पहली मूक फ़िल्म दादा साहेब फाल्के ने बनाई, बा फ़िल्में बनी 'राजा हरिएचंद्र'। इसके बाद लगभग 20 वर्ष तक धर्म, इतिहास और लोक कथाओं, ४ के ४ जाती रही थीं। सन् 1931 में पहली बोलती फ़िल्म 'आलम आरा" बनी थी। भारतीय फ़िल्मों, को ४० में का कार्य पृथ्वी राज कपूर, महबूब खान, सोहराब मोदी, गुरुदत्त, सत्यजित राय आदि ने किया, था। सत्तर के दशक में प्रेम भरी कहानियों पर आधारित फ़िल्में बनने में तेज़ी आ गई थी। इसी समय समानांतर फ़िल्में, बननी आरंभ हुई थीं जिन में 1 'अंकुर', 'निशांत', “अर्ध सत्य' जैसी फ़िल्में प्रसिद्ध हुई थीं। बाज़ारवाद और, गो के सामने समानांतर या कला फ़िल्में अधिक पकड़ नहीं बना पाई थीं। भारतीय सिनेमा में पारिवारिक, फ़ल्मों की भी धारा लगातार चलती रही है। आम आदमी हलके-फुलके हास्य और ड्ञाम आदमी के परिवार से जुड़ी, हि ससकृति फ़िल्मों को पसंद करता है। दर्शकों को बांधने के लिए इन में रोज़मर्रा की समस्याएं, मधुर संगीत, पारंपरिक, और हे के अनेक पक्ष दिखाए जाते हैं। राजकपूर, गुरुद॒त्त, बिमल राय, ऋषिकेश मुखर्जी, बसु चटर्जी आदि, ने इस क्षेत्र में ख्याति पाई है। अस्सी-नब्बे के दशक में फॉर्मूला फ़िल्में बनने लगीं। रोमांस, हिंसा, सैक्स और एक्शन, की इन में अधिकता रहती है। इन फ़िल्मों का युवा वर्ग पर बुरा प्रभाव पड़ा है। इस समय हमारे देश में प्रति वर्ष लगभग, 800 फ़िल्में बनती हैं। हमारा देश सबसे बड़ा फ़िल्म निर्माता देश है।, प्रश्न 14. 'इंटरनेट' पर टिप्पणी लिखिए।, उत्तर--' इंटरनेट” जनसंचार का सबसे नया और बहुत तेज़ी से लोकप्रिय होता एक माध्यम है। इस माध्यम में प्रिंट, , मीडिया, रेडियो, टेलीविजन, किताब, सिनेमा, पुस्तकालय आदि सभी के गुण विद्यमान हैं। इस में सभी माध्यम मिले हुए, , हैं। इसके द्वारा हम पलभर में दुनिया के किसी भी विषय के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। यह एक अंतर्क्रियात्मक, , माध्यम है। आप इस में मूक दर्शक नहीं होते। आम सवाल-जबाव, बहस, मुबाहिसों में हिस्सा ले सकते हैं। आप चैटिंग, , कर सकते हैं। इस माध्यम से हम सारे संसार से जुड़ गए हैं। पढ़ने-लिखने वालों और शोधकर्त्ताओं के लिए बहुत लाभकारी, हैं। इस के द्वारा हम विश्वग्राम के सदस्य बन गए हैं। इस में एक दोष बहुत बड़ा है कि इस में अश्लील पन्ने बहुत अधिक, , भर् 7 हैं जिन का बुरा असर बच्चों के कोमल मन पर पड़ता है।, पे 15. आधुनिक जनसंचार माध्यमों के उपयोग और इन से उत्पन्न खतरे स्पष्ट कीजिए, उत्तर--आधुनिक जनसंचार माध्यमों ने हमारी जीवन शैली को पूरी तरह से बदल कर रख दिया है। अब हमारा, जीवन पूरी तरह से इन पर निर्भर हो चुका हैं।, उपयोग--0) रेडियो/टी०बी० से पल-पल के समाचार प्राप्त होते हैं।, (0) विज्ञापनों ने खरीद-फ़रोख्त को गहरा प्रभावित किया है।, (४) इंटरनेट पर सभी प्रकार की सूचनाओं का पल-भः में आदान-प्रदान 3०. हि, (9) टिकट बुक कराने, शलीफोन का बिल आदि जमा कराने तक कार्य इंटरनेट से होने लगा है।, (0 टी० वी०, सिनेमा हमारे मनोरंजन के प्रमुख साधन हैं।, (४) धर्म-अध्यात्म, खेल-कूद आदि की जानकारी इनसे होती है।, (४४) सरकारी तंत्र के गलत-ठीक कदमों की पूरी जानकारी प्राप्त होती है।