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नगण्य होता है, परन्तु इस सीमा के भीतर इसका मान दूरी घटने के साथ बहुत तेजी से बढ़ता है तथा वह अधिकतम दूरी (= 10-9 मी) जिस पर, 19, पृष्ठ तनाव, Surface Tension, थ, हम अपने दैनिक जीवन में द्रव की अनेक घटनाओं को देखते हैं, उदाहरण के लिए, यदि हम, तेल और जल को आपस में मिलाएँ, तो तेल के पृष्ठ पर डाली गई जल की बूँद सिकुड़कर, गोलिका का रूप ले लेती है तथा एक अन्य घटना के अन्तर्गत, गुरुत्व के विरुद्ध भूमि में, उपस्थित जल जड़ों के माध्यम से पेड़ की शीर्ष पत्तियों तक पहुँचकर, उन्हें पोषित करता है ।, इससे यह निष्कर्ष निकलता है कि द्रवों का व्यवहार केवल गुरुत्वाकर्षण बल से ही नियन्त्रित, नहीं है, बल्कि उस पर कोई अन्य बल भी कार्य कर रहे हैं, जिनका अध्ययन हम इस अध्याय, में विस्तारपूर्वक करेंगे।, इस अध्याय में, अन्तराणविक बल, पृष्ठ तनाव, ससंजक बलों के आधार पर पृष्ठ, तनाव की व्याख्या, पृष्ठ ऊर्जा, स्पर्श कोण या सम्पर्क कोण, अन्तराणविक बल Intermolecular Forces, द्रव के वक्रपृष्ठ के दो पार्वों के, बीच दाबान्तर, आण्विक सिद्धान्त के अनुसार, प्रत्येक पदार्थ छोटे-छोटे कणों से मिलकर बना है, जिन्हें अणु, (Molecules) कहते हैं। ये छोटे अणु मुक्त अवस्था में रह सकते हैं । किसी भी पदार्थ के, अणुओं के मध्य कार्यरत् बल को अन्तराणविक बल कहते हैं। सामान्यत: यह बल आकर्षण, प्रकृति का होता है। अन्तराणविक बल दो प्रकार के होते हैं।, आधिक्य दाब, केशिकात्व, केशनली में द्रव के उन्नयन के, सूत्र का निगमन, 1. ससंजक बल Cohesive Force, एक ही पदार्थ के विभिन्न अणुओं के मध्य लगने वाले अन्तराणविक आकर्षण बल को ससंजक बल कहते हैं; जैसे-जल के अणुओं के, मध्य कार्यरत् बल। ससंजक बलों के कारण ही किसी द्रव की बूंदें सम्पर्क में आते ही मिलकर एक हो जाती हैं। इसी कारण जल से भीगी दो, काँच की चपटी प्लेटों को अलग-अलग करने में जल के अणुओं के बीच ससंजक बल के विरुद्ध काफी बल लगाना पड़ता हैं तथा ठोस पदा्ष, की निश्चित आकृति उसके अणुओं के बीच उपस्थित बलों के कारण ही है ।, है।, 2. आसंजक बल Adhesive Force, दो भिन्न प्रकार के पदार्थों के अणुओं के मध्य लगने वाले अन्तराणविक आकर्षण बल को आसंजक बल कहते हैं; जैसे-कागजव, स्याही के अणुओं के मध्य कार्यरत् बल। काँच की प्लेट पर जल डालने पर काँच की प्लेट गीली हो जाती है, क्योंकि जल के अणु कार, के अणुओं से आसंजक बल के कारण चिपक जाते हैं। ससंजक तथा आसंजक दोनों बल गुरुत्वाकर्षण बलों से भिन्न हैं तथा यह व्युम, वर्ग नियम (बल, का पालन नहीं करते। यदि अणुओं के बीच की दूरी 109 मीटर से अधिक हो, तब उनके बीच आकषण कर, दो अणु एक-दूसरे को आकर्षित करते हैं आण्विक परास (Molecular range) कहलाती है।, अध्याय