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रण» ०००० इन, , [यूनिट 4: लन्न्नन्वर, ः “न, , [ द ', , कार्य, ऊर्जा तथा शक्ति, , ४४0०॥५, &7609५ 900 ?0५४९४॥, , है. गा] डर, अत्येक व्यक्ति अपने दैनिक जीवन में प्राय: कार्य, ऊर्जा तथा शक्ति इत्यादि शब्दों का उपयोग... इस अध्याय में, , करता है। यदि किसी वस्तु पर बल लगाने से वस्तु में विस्थापन ()59]80९07९7() होता है,तो., कार्य, , इस स्थिति में कार्य सम्पन्न होता है। * शक्ति अथवा सामर्ध्य, उदाहरण--एक किसान अपने खेतों से खरपतवार नष्ट कर रहा हो, तो हम कहेंगे कि वह कार्य... संरक्षी तथा असंरक्षी बल, कर रहा है। एक महिला कुएँ से अपने घर तक पानी लाती है, तो वह कार्य करती है। उपरोक्त » ऊर्जा डक, , दोनों स्थितियों में विस्थापन हो रहा है, अत: यह कहा जा सकता है कि कार्य किया जा रहा है।, , * यान्त्रिक उर्जा के प्रकार _, कार्य करने की क्षमता ऊर्जा कहलाती है। जब कार्य के साथ समय का भी उल्लेख हो, तो शक्ति मा, , , , शब्द का प्रयोग करते हैं। शक्ति सामान्यतः चाल से सम्बन्धित है। उदाहरंण- कराटे के खेल में... गज ऊर्जा तथा रेखबर, 28 अर » में सम्बन्ध, शक्तिशाली घूँसा मारने के लिए उसकी शक्ति बढ़ानी पड़ती है। इसके विपरीत यदि आप दीवार « कार्य ऊज 7, को खिसकाने का प्रयास करते हैं, तो चूँकि दीवार खिसक नहीं रही है, इसलिए यहाँ बल लगने कार्य-ऊर्जा प्रमंय___, पर भी कार्य नहीं हो रहा है। स्थितिज ऊर्जा, ऊर्जा संरक्षण का नियम, कार्य ७४०/६ + यान्त्रिक ऊर्जा का संख्षा, , द्रव्यमान-ऊर्जा समतुल्य, , , , सामान्य जीवन में हम उस प्रत्येक क्रिया, जिसमें कुछ शारीरिक या मानसिक परिश्रम या प्रयास संघट्ट, सम्मिलित रहता है, को कार्य कहते हैं। परन्तु भौतिकी में कार्य की परिभाषा दैनिक जीवन में दी --“---_-_---5 जाने वाली परिभाषा से बिल्कुल भिन्न होती है; जैसे-- यदि कोई दरवाजे पर खड़ा होकर पहरा देता है, तो भौतिकी के अनुपता, , द्वारा किया गया कार्य शून्य होगा, क्योंकि वह न तो किसी पिण्ड पर बल आरोपित करता है और न ही विस्थापन उत्पल क, भौतिकी के अनुसार, यदि किसी पिण्ड पर बल आरोपित हो तथा उसके परिणामस्वरूप पिण्ड अपने स्थान से विस्थापितर, ु है, तो इस प्रक्रम में बल द्वारा कार्य किया जाता है।, , इस प्रकार, किसी बल द्वारा किया गया कार्य बल के विस्थापन की दिशा के अनुदिश घटक तथा विस्थापन के परिमाण के गुणा, तुल्य होता है।, , नियत बल द्वारा कृत कार्य ५४०॥९ 0006 9५ 8 0"88॥( 5006, , यदि कोई नियत बल ॥ किसी पिण्ड पर आरोपित किया जाता है तथा पिण्ड बल की दिशा में & विस्थापित हो जाता है (चित्र !, बल द्वारा किया गया कार्य, छ 5 #8, , , , “एफ ऋिाााओ, चित्र .4 बल द्वारा पिण्ड का विस्थापन