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प्र.1 स्थायी बंदोबस्त क्या था ?, , उत्तर- भूमिकर या लगान इकट्ठा करने की प्रथा जो 1793 में अंग्रेजी गवर्नर जनरल लार्ड कार्नवालिस (1786-1793) ने चलाई उसे, स्थायी बंदोबस्त कहते हैं । इस व्यवस्था के अंतर्गत भूमि जमीदारों को स्थायी रूप से दे दी गई इस भूमि कर व्यवस्था को स्थायी, बंदोबस्त का नाम दिया गया ।, , प्र.2 रैयतबारी बन्दोबस्त क्या था?, , उत्तर- अंग्रेजी कम्पनी ने भारत में लगान वसूल करने के अनेक ढंग चलाये । उनमें रैयतबारी भी एक था । इसमें सरकार का संबंध, जमींदारों से न होकर रैयत या किसानों से सीधा होता था इसलिए जमींदारों को बीच में कुछ नहीं देना पड़ता था । इस प्रथा को, मद्रास और बम्बई में लागू किया गया । इस व्यवस्था में लगान की दर काफी ऊँची थी जिसके परिणामस्वरूप किसान कर्ज लेने के, लिए मजबूर हो जाते थे ।, , प्र.3 भाड़ा पत्र क्या था ?, , उत्तर- भाड़ा पत्र एक ऐसा दस्तावेज था जिसमें रैयत यह लिखकर देते थे कि वे साहूकारों से जमीन और पशु खेती करने के लिए, भाड़े पर ले रहे हैं | वास्तव में यह जमीन और पशु रैयत के ही होते थे जो ऋण न चुका पाने के कारण ऋणदाता ने हथिया लिए थे ।, प्र.4 संथाल कौन थे ? उनके जीवन की दो विशेषताएँ क्या थीं ?, , उत्तर- संथाल लोग राजमहल पहाड़ियों की तलहटी या निचले भागों में रहते थे । वे हल से जुताई करके खेती करते थे । उन्हें मैदानों, के जमींदार लोग खेती के लिए नई भूमि तैयार करने और खेती का विस्तार करने के लिए भाड़े पर लगा लेते थे ।, , प्र.5 दक्कन दंगा आयोग से आप क्या समझते हैं?, , उत्तर- 1875 के बाद जो दक््कन में किसानों द्वारा दंगे किए गए उनकी छानबीन करने के लिए भारत सरकार के दबाव डालने पर, , बम्बई की सरकार ने जो जाँच आयोग बैठाया उसे दककन दंगा आयोग कहा जाता है । इसकी रिपोट 1878 में ब्रिटिश पार्लियामेंट के, सामने पेश की गई ।