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2. एकता में शक्ति, गरीब किसान था। उसके चार बेटे थे। वे हमेशा आपस में लड़ते-झगड़ते रहते थे। किसान उनके झगड़े से बहुत, न था।, दिन किसान बीमार पड़ गया। उसने सोचा- “यदि मेरे चारों बेटे ऐसे ही लड़ते-झगड़ते रहेंगे तो इनके, ; भविष्य के लिए ठीक नहीं होगा। उनको समझाने के लिए उसने चारों बेटों को अपने, ४ पास बुलाया। उसने लकड़ी का एक छोटा-सा गट्ठर चारों बेटों को दिया और, बारी-बारी से उसे तोड़ने के लिए कहा, लेकिन उसका कोई भी बेटा, लकड़ी के गट्ठर को तोड़ नहीं सका।, , अब किसान ने उस गट्ठर को खोल दिया और एक-एक लकड़ी, , चारों बेटों को दी। उनसे पुनः तोड़ने के लिए कहा।, , , , सभी बेटों ने अपनी-अपनी लकड़ी को आसानी से तोड़, दिया। किसान ने उन्हें समझाया, “बेटों! जब ये, लकड़ियाँ गट्ठर के रूप में एक साथ थीं तो तुम लोगों, में से इसे कोई भी नहीं तोड़ सका, लेकिन जब, इन्हें अलग-अलग कर दिया गया तो तुम सभी ने, आसानी से तोड़ दिया। लकड़ियों के गट्ठर की, भाँति ही यदि तुम आपस में मिलजुलकर रहोगे, तो कोई तुम्हारा कुछ नहीं बिगाड़ सकेगा,, लेकिन यदि तुम अलग-अलग रहोगे तो सभी, तुमसे शत्रुता करेंगे और तुम्हें नुकसान भी, पहुँचा सकेंगे।, अब बात बेटों की समझ में आ गई और वे, आपस में मिलजुलकर रहने लगे।, , शिक्षा- एकता में शक्ति होती है।