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क्रिया रूप (४७४४७), जिस पद से किसी व्यापार अथवा कार्य का करना या होना प्रकट होता, , हिन्दी के श्रेष्ठ निबंध एवं प्रयोगगत व्याकरण । (85)
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कारक, , , , परिभाषा चिह्न प्रकार परसगों का प्रयोग, , क्रिया से संबंध, संज्ञा एवं सर्वनाों पर कारक का प्रभाव-अभ्यास, , “जो क्रिया की उत्पत्ति में सहायक हो या जो किसी शब्द का क्रिया से संबंध बताए वह, 'कारक' है।'', , जैसे--माइकल जैक्सन ने पॉप संगीत को काफी ऊँचाई पर पहुँचाया।, , यहाँ 'पहुँचाना' क्रिया का अन्य पदों माइकल जैक्सन, पॉप संगीत, ऊँचाई आदि से संबंध, है । वाक्य में 'ने', 'को' और 'पर' का भी प्रयोग हुआ है। इसे कारक-चिहन या परसर्ग या, विभक्ति-चिहन कहते हैं। यानी वाक्य में कारकीय संबंधों को बतानेवाले चिहनों को कारक-चिहन, अथवा परसर्ग कहते हैं।, , हिन्दी में कहीं-कहीं कारकीय चिह्न लुप्त रहते हैं। जैसे-.., , घोड़ा दौड़ रहा था। वह पुस्तक पढ़ता है। आदि।, , यहाँ 'घोड़े' 'वह' और 'पुस्तक' के साथ कारक़-चिहन नहीं है। ऐसे स्थलों पर शून्य चिहन, माना जाता है। यदि ऐसा लिखा जाय : घोड़ा ने दौड़ रहा था।, , उसने (वह + ने) पुस्तक को पढ़ता है।, , वह कुत्ता मारता है. ; जान से मारना, वह कुत्ते को मारता है : पीटना, , हिन्दी भाषा में कारकों की कुल संख्या आठ मानी, , गई है, जो निम्नलिखित हैं-कारक, , परसर्ग/विभक्ति, 1. कर्त्ता कारक शून्य, ने (को, से, द्वारा), 2. कर्म कारक शून्य, को, 3. करण कारक से, द्वारा (साधन या माध्यम), 4. सम्प्रदान कारक को, के लिए, 5. अपादान कारक से (अलग होने का बोध), 6. संबंध कारक का-के-की, ना-ने-नी, रा-रे-री, 7. अधिकरण कारक में, पर, 8. संबोधन कारक, , है, हो, अरे, अजी,