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मशीनों की स्थापना करना, , मशीन की स्थापना करते समय निम्नलिखित क्रियाओं को क्रमवार किया जाना आवश्यक है।, , 1., , पैकिंग खोलना :- मशीन के साथ आए कैटलॉग का अध्ययन करके ही मशौन की पैकिंग खोलने चाहिए ।, ताकि निर्देशानुसार ही मशीन को ठीक प्रकार से खोला जा सके ।, , .. मशीन तथा असेसरीज का निरीक्षण करना :- पैकिंग खोलने के बाद मशीन एवं उसकी असेसरीज को बड़ी, , बारीकी से चेक करना चाहिए ताकि लादते या उतारते समय मशीन का कोई भाग टेढ़ा अथवा दब तो नहीं, गया । ऐसा अगर हो जाता है तो कंपनी को तुरंत इसकी सूचना देनी चाहिए । मशीन के साथ आए टूल की, एक सूची बनानी चाहिए।, , .. लटकाना :- मशीन की पैकिंग खुलने के बाद भारी मशीन को चैन पुली या अन्य किसी साधन द्वारा उठाकर, , स्थापित करने के लिए ले जाना पड़ता है । इस कार्य के लिए मशीन के साथ आई निर्देशिका के अनुसार ही, मशीन को उठाना चाहिए । अगर कंपनी द्वारा कोई निर्देश नहीं दिया गया हो तो मशीन के गुरुत्व केंद्र को, ध्यान में रखकर मशीन को उठाना चाहिए।, , . स्थापना और लेवलिंग करना :- मशीन को उचित स्थान पर पहुंचाने के पश्चात मशीन के आधार में दिए, , गए सुराख़ो के अनुसार फर्श पर मार्किग करके फाउंडेशन बोल्ट के लिए सुराख करने चाहिए । इसके बाद, रोड़ी , सीमेंट , बजरी के साथ बोल्ट फिट करने चाहिए । कम से कम 24 घंटे तक पक्का होना देना चाहिए।, उसके बाद मशीन को क्रेन द्वारा उठाकर धीरे-धीरे फाउंडेशन बोल्ट पर टिका कर लटका देना चाहिए।, अगर मशीन हीले तो पैकिंग लगाकर उसे ठीक कर लेना चाहिए । लेवलिंग कार्य में स्प्रिट लेवल, ट्राई, स्क््वायर, लेवलिंग की वेज का उपयोग करना चाहिए।, , .. टैस्टिंग :- मशीन को लगाने के बाद व पहले में निरीक्षण करना जरूरी होता है क्योंकि किसी भी प्रकार की, , कमी हो तो गारंटी पीरियड में मशीन निर्माता कंपनी वाले खुद ठीक कर देते हैं । इसलिए टेस्ट करना जरूरी, है । टेस्ट दो प्रकार के होते हैं., , 1. स्टैटिक टेस्ट:- यह मशीन को चलाएं बिना किया जाता है । जिससे मशीन टेबल की फ्लैटनेस,, एलाइनमैंट, सकेंद्रता, समांतरता। इसके लिए डायल टैस्ट इंडिकेटर, स्लिप गेज, स्ट्रेट एज, साइन, बार आदि का प्रयोग किया जाता है ।, , 2. डायनामिक टेस्ट:- जब मशीन को चलाकर निरीक्षण किया जाता है उसे डायनेमिक टेस्ट कहते हैं, 1 जॉब को मशीन के ऊपर बनाकर उसकी शुद्धता को मापा जाता हैं । इसके अतिरिक्त मशीन की, आवाज, पार्टो की प्ले, लुब्रिकेशन सिस्टम आदि को भी चला कर ही चेक किया जाता है ।, , 6. मशीन की एलाइनमेंट करना मशीन की सॉफ्ट तथा अन्य पुर्जों को परिशुद्धता में जोड़ने तथा उन्हें एक, सिध मेँ सेट करने की विधि को मशीन की एलाइनमैंट कहते हैं । अलाइनमेंट होने से सभी कार्य परिशुद्धता, मेँ संपन्न किए जा सकते हैं । जोब पर उच्च कोटि की फेंनिशींग प्राप्त की जा सकती है । मशीन के चलने, पर पावर भी कम खर्च होती है ।