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इकाई 4, 'बृत्तांत लेखन, , अनुक्रम, 4.1. उद्देश्य, , 4.2... प्रस्तावना, 4.3... विषय - विवेचन, 4.3.1.] वृत्तांत लेखन : स्वरूप, परिभाषा, व्याप्ति।, 4.3.2.2 वृत्तांत लेखन ; तत्व, 4.3.3.3 वृत्तांत लेखन : विविध सोपान, 4.3.4.4 दृत्तांत लेखन : विशेषताएँ, 4.3.5.5 वृत्तांत लेखन : विधि, 4.3.2 महाविद्यालयीन समारोह का स्वरूप, 4.3.2.1 महाविद्यालयीन समारोह की विविधता, 4.3.2.2 महाविद्यालयीन समारोह : मसौदा लेखन, 4.3.2.3 महाविद्यालयीन समारोह के वृत्तांत लेखन की विशेषताएँ, 4.3.2.4 महाविद्यालयीन समारोह के वृत्तांत लेखन की समस््याएँ, 4.3.2.5 महाविद्यालयीन समारोह का वृत्तांत लेखन, . 3.3 सामाजिक समारोह का स्वरूप, 4.3.3.] सामाजिक समारोह : विवरण शैली, 4.3.3.2 सामाजिक समारोह : महत्वपूर्ण बातें, 4.3.3.3 सामाजिक समारोह : मसौदा लेखन ;, 1.3.3.4 सामाजिक समारोह : वृत्तांत लेखन की भाषा, 1:3.3.5 सामाजिक समारोह : वृत्तांत लेखन की विशेषताएँ, , , , >३३३३३३३३३३३३३९३३३३ ५५ ३३३३३३३३३७३३७९३३३३३३३३३३३३७, , ।
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4 33.6 सामाजिक समारोह : वृत्तांत लेखन की समस्याएँ, 4.3.3.7 सामाजिक समारोह : बृत्तांत लेखन, , 4.3.4 प्राकृतिक आपदाएँ : स्वरूप और प्रकार, 4.3.4.1 प्राकृतिक आपदाएँ ; मसौदा लेखन, 4.3.4.2 प्राकृतिक आपदाएँ : वृत्तांत लेखन की भाषा, 4.3.4.3 प्राकृतिक आपदाओं के बृत्तांत लेखन की विशेषताएँ, 4.3.4.4 प्राकृतिक आपदाएँ : वृत्तांत लेखन की समस्याएँ, 4.3.4.5 प्राकृतिक आपदाएँ : वृत्तांत लेखन, , 4.3.5 दुर्घटनाओं का वृत्तांत लेखन : स्वरूप एवं प्रकार, 4.3.5.1 दुर्घटनाओं का मसौदा लेखन, 4.3.5.2 दुर्घटनाओं के वृत्तांत लेखन की विशेषताएँ, 4.3.5.3 दुर्घटनाओं के वृत्तांत लेखन की समस्याएँ, 4.3.5.4 दुर्घटना का वृत्तांत लेखन, , 4.4. स्वयं अध्ययन के लिए परत, , 4.5 पारिभाषिक शब्द,शब्दार्थ, , 4.6. स्ववंअध्ययन के प्रश्नों के उत्तर, , 4.7. सारांश, , 4.8. स्वाध्याय, , 4.9. क्षेत्रीय कार्य, , 4.10 अतिरिक्त अध्ययन के लिए, संदर्भ ग्रंथ सूची
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4.1 उद्देश्य :, दम इकाई को पढने के बाद आपको , + समाज में घटित होनेवाली घटनाओं की जानकारी मिलेगी ।, , + .कृत्तांत लेखन की उपयोगिता मालूम होगी ।, , * सरकार की विभिन्न नीतियों की जानकारी होगी।, , + शिक्षा का प्रचार एवं प्रसार करने में वृत्तांत लेखन की कैसे सहायता, + राष्ट्रीय एकता एवं अखंडता बनाए रखने में क्या करना चाहि ए यह, * . पिभिन्न प्राकृतिक आपदाओं एवं दुर्घटनाओं के लिए कौन, , हो सकती है या मालूम होगा।, समझ में आएगा।, -कौन जिम्मेदार हैं इसकी जानकरी होगी।, , 4.2. प्रस्तावना, , आधुनिक युग संगणक युग है। इस युग में जनसंचार माध्यमों की अत्याधिक गतिशीलता है| इलेक्ट्रॉनिक, माध्यमों की विभिन्न सेवा एवं सुविधाओं के कारण इनकी संख्या दिन-ब-दिन बढती ही जा रही है। इसके बावजूद, मृद्वि माध्यमों का असर एवं महत्व रत्तीभर भी कम नहीं हुआ है । विश्व के हर एक कोने में घटित घटनाओं एवं, , स्माचोएं के संबंध में जानने के लिए, पढने के लिए सब उत्सुक रहते हैं। अत: वृत्तांत लेखन करने की अपनी प्रविधि, होती है।, , मनुष्य हमेशा ही जिज्ञासू प्रवृत्ति का रहा है । यह बात जानकारी देने तथा पाने की सहज मानवीय प्रवृत्ति से, जानकारी देने की प्रणाली को आज डुनियाभर में 'वृत्तांत लेखन कहा जाता है। आज के संगणक युग में, लेखन' की कला काफी महत्वपूर्ण एवं विकसित हो गई है। वृत्तांत लेखन में अनेक बातों के संबंध में सावधानी, जाती है। विभिन्न जानकारियों, विषयों, गतिविधियों, सूचनाओं एवं विज्ञापनों को कम से कम शब्दों में, “वशाली ढंग में पाठकों तक पहुँचाना वृत्तांत लेखन! का मूल उद्देश्य है ।, , युक्त है।, बी, प्र, , ५... रेतात लेखन' यह कला के क्षेत्र में आता है। इसमें रोचकता, ज्ञान, जिज्ञासा, जानकारी अदि बातों का, लाफ़ फता है। विभिन्न विषयों, क्षेत्रों, स्थानों, गतिविधियों एवं सूचनाओं को संक्षिप्त, रोचक एवं प्रभावशाली ढंग, पै लोगों तक ५ |, , ... तक पहुँचाना, दृत्तांत लेखन का प्रमुख कार्य माना जाता है।, , .> अ
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अ, , 4.3. विषय विवेचन ॥, 4.3.1.. बृत्तांत लेखन का स्वरूप, परिभाषाएँ और व्याप्ति, , नामों से जाना जैसे समाचार लेखन, रिपोर्ताज आदि वृत्तांत, त लेखन को कई अन्य नामों से जाना जाता है, ये ।इततेक, स्वरूप वो दाना एँ प्रसिध्द पत्रकारों ने अपनी दृष्टि से पारिभाषित करने का प्रयास किया है | लेके, , लैदर बुड 1) किसी घटना, स्थिति, अवस्था अथवा मत का सही-सही और समय पर प्रस्तुत किया गया विवरण समा, है।, 2) जॉर्ज एच. मौरिस समाचार जल्दी में लिखा गया इतिहास है।, 3) प्रो. किलार्ड ब्लेयर अनेक व्यक्तियों की अभिरूचि जिस सामायिक बात से होती है, वह समाचार है।, 4). डॉ. एस. लाईले स्पेंसर - ृ, वह सत्य घटना या विचार जिसमें बहुसंख्य पाठकों की अभिरूचि हो, समाचार कहलाता है।, 5). इहरीसी हापबुड , उन महत्वपूर्ण घटनाओं की पहली रिपोर्ट को समाचार कह सकते है, जिसमे जनता की दिलचस्पी हो।, 6) अम्किका प्रसाद वाजपेयी , हर घटना समाचार नहीं है। केवल वही घटना समाचार बन सकती है, जिसका सार्वजनिक महत्व हो।, 7) चिल्डनब्लुश , >माचार सामान्यत: वह उत्तेजक सूचना है, जिससे कोई व्यक्ति चमत्कृत हो सकता है।, 8). रामचंद्रराव खंडेलकर , दिन में कही भी, किसी समय कोई, समाचार है |, , 9). एम. चलपतिराब , ई छोटी - मोटी घटना या परिवर्तन हो, उसका शब्दों में जो वर्ण होगा,, , वह सब कुछ अनजान, है सब कुछ जिससे आप कल तक अनजान थे, समाचार होता है।, , ब्रिटन के प्रख्यात पत्र मानचेस्टर गार्जियन के धारण घटना की 2, अविलम्ब सूचना को कहते हैं, जिसके बारे में गज अनुसार समाचार किसी अनोखी या सा द्ी, , दुएत जान, रूचि अधिक से अधिक लोगों में हो। : पहले से कुछ जानते हो, लेकिन जिसे तुरन्त ज