Page 1 :
(6) ग्लोबल वार्मिंग, , ग्लोबल वार्मिंग शब्द पृथ्वी के तापमान में होने वाली वृद्धि को, दर्शाता है। यह एक ऐसी समस्या है जिस पर अगर काबू नहीं, किया गया तो यह पूरी पृथ्वी को ही नष्ट कर देगा। सीएफसी-11, और सीएफसी-1 2 जैसी ग्रीन हाउस गैसों ने सूरज के थर्मल, विकिरण को अवशोषित करके पृथ्वी के वातावरण को गर्म बना, दिया। ये गैसें सूर्य की किरणों को वायुमंडल में प्रवेश तो करने, देती हैं, लेकिन उससे होने वाले विकिरण को वायुमंडल से बाहर, नहीं जाने देती हैं। इसी को ग्रीनहाउस प्रभाव कहा जाता है, जो, पूरे विश्व में तापमान में वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। तापमान में, वृद्धि से वर्षा चक्र, पारिस्थितिक संतुलन, मौसम का चक्र आदि, प्रभावित होते हैं। यह वनस्पति और कृषि को भी प्रभावित करता, है। जिसके कारण हमें दुनिया भर में लगातार बाढ़ और सूखे, जैसी परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। तापमान में वृद्धि, और ग्लेशियरों के पिघलने के कारण बर्फ़बारी जैसी घटनाओं में, भी कमी आयी है। तापमान में वृद्धि से आद्रता में भी वृद्धि हुई है, क्योंकि तापमान में वृद्धि से वाष्पीकरण की दर में वृद्धि हुई है।, स्थानीय सरकारों को चाहिए की वह लोगों के बीच जागरूकता, पैदा करे तथा ऐसे उपकरणों और वाहनों की बिक्री को, प्रोत्साहित करे जो पर्यावरण के अनुकूल हो। पेपर, प्लास्टिक, और अन्य सामग्रियों की रीसाइक्लिंग को प्रोत्साहित करना, चाहिए। ऐसे प्रयासों को लोगों द्वारा जमीनी स्तर पर करना, अत्यंत आवश्यक है, तभी हम एक प्रभावी तरीके से इस, भयानक समस्या का मुकाबला कर सकते हैं।