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4. परमाणु की संरचना, , अध्याय-समीक्षा, , पदार्थ के सबसे सूक्ष्मतम एवं अविभाज्य कण को परमाणु कहते हैं |, , परमाणु के अन्दर तीन अवपरमाणुक कण होते हैं: () प्रोट्रॉन (00001) (1) न्यूट्रॉन (४९ए४०णा), (1) इलेक्ट्रान (810०1०ा)|, , प्रोट्रॉन (00007) : यह धन आवेशित (+) कण होता है जो परमाणु के नाभिक (भीतरी भाग ) में, रहता है | यह तत्व के सभी रासायनिक गुण धर्म को प्रदर्शित करता है | परमाणु में प्रोट्रान के घटने, या बढ़ने से उसके रासायनिक गुणधर्म भी बदल जाते हैं |, , न्यूट्रॉन (४८४४०) : परमाणु: यह ऋण आवेशित (-) कण है जो नाभिक के चारों ओर भिन्न-भिन्न, और निश्चित कक्षाओं में चक्कर काटते हैं |, , इलेक्ट्रान (81००॥०॥) : न्यूट्रॉन परमाणु के नाभिक में उपस्थित बिना आवेश वाला कण है जिस पर, कोई आवेश नहीं होता है |, , हाइड्रोजन को छोड़कर ये सभी परमाणुओं के नाभिक में होते हैं।, , समान्यतः, न्यूट्रॉन को '' से दर्शाया जाता है।, , परमाणु का द्रव्यमान नाभिक में उपस्थित प्रोटॉन और न््यूट्रॉन के द्रव्यमान के योग के द्वारा प्रकट, किया जाता है।, , उदासीन परमाणु: समान्यत: कोई भी परमाणु उदासीन होता है क्योंकि परमाणु में धन प्रोट्रानो, की संख्या ऋण इलेक्ट्रानों की संख्या के बराबर होता है यही कारण है कि किसी भी परमाणु पर, नेट आवेश शून्य होता है और परमाणु उदासीन होते है |, , केनाल किरणें : केनाल किरणें विसर्जन नलिका के एनोड से निकलने वाले धन आवेशीत कणों की, धारा है, जब बहुत ही कम दाब पर गैस में से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है।, , नाभिक की खोज रदरफोर्ड ने किया था |, , परमाणु का धन आवेशित भाग नाभिक होता है |, , परमाणु में इलेक्ट्रॉनो की संख्या प्रोट्रॉनो की संख्या के बराबर होता है।, , इलेक्ट्रान नाभिक के चारो ओर निश्चित कक्षाओं में चक्कर लगाते है।, , जब इलेक्ट्रॉन इस विविक्त कक्षा में चक्कर लगाते है तो उनकी उर्जा का विकिरण नहीं होता।, परमाणु के नाभिक के चारों ओर इलेक्ट्रोनों के चक्कर लगाने के लिए विभिन एवं निश्चित कक्षाएँ, होती हैं इन्हें कोश (51०1) भी कहते हैं इन्ही कक्षाओं को ऊर्जा स्तर कहते है |, , किसी परमाणु के विभिन्न कोशों में इलेक्ट्रोनों के वितरण को इलेक्ट्रोनिक विन्यास कहते हैं, किसी परमाणु के बाह्यतम कक्षा में उपस्थिति संयोजी इलेक्ट्रॉन््स की संख्या को उस तत्व की, संयोजकता कहते हैं |, , किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थित प्रोट्रॉनों की कुल संख्या को परमाणु संख्या कहते है |, , किसी परमाणु के नाभिक में उपस्थिति कुल प्रोट्रॉनों तथा न्यूट्रॉनों की संख्या के योगफल को, परमाणु द्रव्यमान संख्या कहते हैं |, , समस्थानिक किसी तत्व के वे परमाणु होते है जिनकी परमाणु संख्या तो बराबर होती है परन्तु, परमाणु द्रव्यमान भिन्न - भिन्न होता है।, , ऐसे परमाणु जिनकी द्रव्यमान संख्या समान परन्तु परमाणु संख्या भिन्न - भिन्न होती है।, , पाठगत प्रश्नोत्तर :
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04. क्या अल्फा कणों का प्रकीर्णन प्रयोग सोने के अतिरिक्त दूसरी धातु की पन्नी से संभव होगा ?, , उत्तर : यदि सोने की बजाय अन्य किसी धातु को सोने की पन्नी जितना यदि पतली चादर बनाई जा सकती, है तो परिणाम सोने जैसे ही आ सकते है | परन्तु सोने जितना अघात्वर्ध्य धातु कोई दूसरा नहीं जिसकी, इतनी पतली चादर बनाई जा सके |, , एश2०९ ९०. 56:, , 01. परमाणु के तीन अवपरमाणुक कणों के नाम लिखें |, उत्तर: परमाणु के तीन अवपरमाणुक कण निम्नलिखित हैं 0) इलेक्ट्रान (७ ) - ये ऋण आवेशित कण होते हैं |, , (0) प्रोटॉन (9') - ये धन आवेशित कण होते हैं |, , (11) न्यूट्रॉन (1) - न्यूट्रॉन पर कोई आवेश नहीं होता है |, , (02. हीलियम परमाणु का परमाणु द्रव्यमान 40 है और उसके नाभिक में दो प्रोट्रोंन होते हैं | इसमें, कितने न्यूट्रॉन होंगे ?, , उत्तर : हीलियम का द्रव्यमान 5 40, प्रोटॉन की संख्या 52, परमाणु द्रव्यमान - प्रोटॉन की संख्या + न्यूट्रॉन की संख्या, 452 + न्यूट्रॉन की संख्या, न्यूट्रॉन की संख्या 54 - 2, न्न्2, अत: हीलियम में 2 न्यूट्रॉन होंगे !, 78726 ४०. 57:, 01. कार्बन और सोडियम के परमाणुओं के लिए इलेक्ट्रान-वितरण लिखिए |, उत्तर : कार्बन का इलेक्ट्रान-वितरण : 2, 4, सोडियम का इलेक्ट्रोनिक-वितरण : 2, 8, 1, , (02. अगर किसी परमाणु का 1 और 1, कोश भरा है, तो उस परमाणु में इलेक्ट्रानों की संख्या क्या, , होगी ?