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प्राप्तांक (६,) विद्यार्थियों की संख्या (/,) 225, 10 1] 10, 20 ] 20, 36 3 108, 40 4 160, 50 3 150, 56 2 112, 60 4 240, 70 4 280, 92 1 72, 80 1 80, 88 2 176, 92 3 276, 95 1 5, योग 3 1], , अब है 221९-४२ 59.3, 560 ७ 3, , अतः, प्राप्त किया गया माध्य अंक 59.3 है।, , हमारे दैनिक जीवन की अधिकांश स्थितियों में, आँकड़े इतने बड़े होते हैं कि उनका, एक अर्थपूर्ण अध्ययन करने के लिए उन्हें समूहों में बाँ: कर (वर्गीकृत करके) छोटा किया, जाता है। अतः, हमें दिए हुए अवर्गीकृत आँकड़ों को, वर्गीकृत आँकड़ों में बदलने की, आवश्यकता होती है तथा इन आँकड़ों के माध्य ज्ञात करने की विधि निकालने की, , आवश्यकता होती है।, , आइए उदाहरण 1 के अवर्गीकृत आँकड़ों को चौड़ाई, मान लीजिए, 15 के वर्ग, अंतराल बनाकर वर्गीकृत आँकड़ों में बदलें। याद रखिए कि वर्ग अंतरालों की बारंबारताएँ, निर्दिष्ट करते समय, किसी उपरि वर्ग सीमा (एएथ ०४७५ |गां) में आने वाले प्रेक्षण अगले, वर्ग अंतराल में लिए जाते हैं। उदाहरणार्थ, अंक 40 प्राप्त करने वाले 4 विद्यार्थियों को वर्ग, अंतराल 25-40 में न लेकर अंतराल 40-55 में लिया जाता है। इस परंपरा को ध्यान में, रखते हुए, आइए इनकी एक वर्गीकृत बारंबारता सारणी बनाएँ (देखिए सारणी 14.2)।, , 2021-22
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288 गणित, , , , सारणी 14.2, , अब, प्रत्येक वर्ग अंतगल के लिए, हमें एक ऐसे बिंदु (मान) की आवश्यकता है, जो, पूरे अंतराल का प्रतिनिधित्व करे। यह मान लिया जाता है कि प्रत्येक वर्ग अंतराल की, बारबारता उसके मध्य-बिंदु के चारों ओर केंद्रित होती है। अतः, प्रत्येक वर्ग के मध्य-बिंदु, (70-9ण॥) [या वर्ग चिह्न (४४५४ 7७10] को उस वर्ग में आने वाले सभी प्रेक्षणों का, प्रतिनिधि (८9॥०५०॥७४॥४८) माना जा सकता है। याद कीजिए कि हम एक वर्ग अंतराल का, मध्य बिंदु (या वर्ग चिह) उसकी उपरि और निचली सीमाओं का औसत निकालकर ज्ञात, करते हैं। अर्थात्, , उपरि वर्ग सीमा + निचली वर्ग सीमा, 2, , सारणी 14.2 के संदर्भ में, वर्ग 10-25 का वर्ग चिह्न न + अर्थात् 17.5 है। इसी, , वर्ग चिह्न 5, , प्रकार, हम अन्य वर्ग अंतरालों के वर्ग चिह्न ज्ञात कर सकते हैं। हम इन वर्ग चिह्ों को सारणी, 14.3 में रखते हैं। ये वर्ग चिह्न ५४ का काम करते हैं। व्यापक रूप में वर्ग अंतराल के वर्ग, चिह्न », के संगत बारंबारता | लिखी जाती है। अब हम उदाहरण 1 की ही तरह, माध्य, 'परिकलित करने की प्रक्रिया की ओर आगे बढ़ सकते हें।, , सारणी 14.3, , , , 2021-22
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सांख्यिकी 289, , , , अंतिम स्तंभ में दिए मानों के योग से हमें » //, प्राप्त होता है। अत:, दिए हुए आँकड़ों, का माध्य ऊ, नीचे दर्शाएं अनुसार प्राप्त होता है:, 2५ .18600 _ ७, 5, 30, , माध्य ज्ञात करने की इस नयी विधि को प्रत्यक्ष विधि (क्राल्ल ग्रालआ०१) कहा जा, सकता हेै।, , हम देखते हैं कि सारणियों 14.1 और 14.3 में, समान आँकड़ों का प्रयोग किया गया, है तथा इनमें माध्य परिकलित करने के लिए एक ही सूत्र का प्रयोग किया गया है। परंतु, इन दोनों में हमें परिणाम (माध्य) भिन्न-भिनन प्राप्त हुए हैं। क्या आप सोच सकते हैं कि, ऐसा क्यों हुआ है और इनमें से कौन-सा माध्य अधिक सही है? दोनों मानों के अंतर का, कारण सारणी 14.3 में की गई मध्य-बिंदु कल्पना है। 59.3 सही माध्य है, जबकि 62 एक, सन्निकट माध्य है।, , कभी-कभी जब » और / के मान बड़े होते हैं, तो&, और // के गुणनफल ज्ञात करना, जटिल हो जाता है तथा इसमें समय भी अधिक लगता है। अतः, ऐसी स्थितियों के लिए,, आइए इन परिकलनों को सरल बनाने की विधि सोचें।, , हम / के साथ कुछ नहीं कर सकते, परंतु हम प्रत्येक ५, को एक छोटी संख्या में, बदल सकते हैं, जिससे हमारे परिकलन सरल हो जाएँगे। हम ऐसा कैसे करेंगे? प्रत्येक «,, में से एक निश्चित संख्या घटाने के बारे में आपका क्या विचार है? आइए यह विधि अपनाने, का प्रयत्न करें।, , इसमें पहला चरण यह हो सकता है कि प्राप्त किए गए सभी » में से किसी », को, कल्पित माध्य (०5८4 क्रथ्व7) के रूप में चुन लें तथा इसे '८' से व्यक्त करें। साथ ही,, अपने परिकलन कार्य को और अधिक कम करने के लिए, हम *४' को ऐसा », ले सकते, हैं जो ५, ५, . . .. 5, के मध्य में कहीं आता हो। अत:, हम 4-47.5 या 6८ 62.5 चुन सकते, हैं। आइए 6>47.5 चुनें।, , अगला चरण है कि ८ और प्रत्येक ५, के बीच का अंतर 4, ज्ञात किया जाए, अर्थात्, प्रत्येक ५, से ४” का विचलन (4७४६४०४) ज्ञात किया जाए।, अर्थात् बँ,लअ,-व, , हे ४,- 47.5, , तीसरा चरण है कि प्रत्येक 4 और उसके संगत / का गुणनफल ज्ञात करके सभी /4, का, योग ज्ञात किया जाए। ये परिकलन सारणी 14.4 में दर्शाए गए हैं।, , है, , , , 2021-22