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1063(#03, , दो चर वाले रैखिक, समीकरण युग्म 3, , , , , , 3.1 भूमिका, आपने इस प्रकार की स्थिति का सामना अवश्य किया होगा, जैसी नीचे दी गई है:, , अखिला अपने गाँव के एक मेले में गई। वह एक चरखी (0था। ५/1८८) की सवारी, करना चाहती थी और हूपला (प्र०००/७) [एक खेल जिसमें आप एक स्टाल में रखी किसी, वस्तु पर एक वलय (778) को फेंकते हैं और यदि वह वस्तु को पूर्णरूप से घेर ले, तो, आपको वह वस्तु मिल जाती है] खेलना चाहती थी। जितनी बार उसने हूपला खेल खेला, उससे आधी बार उसने चरखी की सवारी की। यदि प्रत्येक बार की सवारी के लिए उसे ₹3, तथा हूपला खेलने के लिए ₹4 खर्च करने पड़े, तो आप कैसे ज्ञात करेंगे कि उसने कितनी, बार चरखी की सवारी की और कितनी बार हूपला खेला, जबकि उसने इसके लिए कुल, ₹20 खर्च किए?, , , , हो सकता है कि आप इसे ज्ञात करने के लिए अलग-अलग स्थितियाँ लेकर चलें। यदि, उसने एक बार सवारी की, क्या यह संभव हे? क्या यह भी संभव है कि उसने दो बार, , , , , , , , , , 2021-22
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दो चर वाले रैखिक समीकरण युग्म 43, , , , सवारी की? इत्यादि। अथवा आप कक्षा 1% के ज्ञान का उपयोग करते हुए, इन स्थितियों को, दो चरों वाले रैखिक समीकरणों द्वारा निरूपित कर सकते हैं।, , आइए इस प्रक्रिया को समझें।, , अखिला द्वारा सवारी करने की संख्या को « तथा उसके द्वारा हूपला खेल खेलने की, संख्या को » से निरूपित कौजिए। अब दी हुई स्थिति को दो समीकरणों द्वारा व्यक्त किया, जा सकता है :, , व 1, , शैल 7 (1), , 30+ 49 5 20 (2), , क्या हम इस समीकरण युग्म का हल ज्ञात कर सकते हैं? इन्हें ज्ञात करने की कई, , विधियाँ हैं, जिनका हम इस अध्याय में अध्ययन करेंगे।, , 3.2 दो चरों में रैखक समीकरण युग्म, , कक्षा % से याद कीजिए कि निम्न समीकरण दो चरों के रैखिक समीकरणों के उदाहरण हैं:, 22+%39 5३5, 2४-3८ 0, और %-095 2 अर्थात् ४52, आप यह भी जानते हैं कि वह समीकरण, जिसको ८८+£४»+८-०0 के रूप में रखा, जा सकता है, जहाँ ०, # और ८ वास्तविक संख्याएँ हैं और & और # दोनों शून्य नहीं हैं, दो, चरों « और $ में एक रैखिक समीकरण कहलाता है। (प्रतिबंध जैसे ८ और दोनों शून्य नहीं, हैं, हम प्रायः ८? + ४20 से प्रदर्शित करते हैं।। आपने यह भी पढ़ा है कि ऐसी समीकरण, का हल संख्याओं के मानों का एक युग्म होता है, एक » के लिए तथा दूसरा » के लिए,, जो समीकरण के दोनों पक्षों को बराबर कर देता हे।, , उदाहरण के लिए, आइए समीकरण 2:+39-5 के बाएँ पक्ष (.पर$) में, »51 और, >> 1 रखें। तब, , बायाँ पक्ष - 201) + 3(11)-2+3-5,, जो समीकरण के दाएँ पक्ष (रात्र) के बराबर है।, अत:,..5 | और »< 1 समीकरण 20+ 3955 का एक हल हे।, अब आइए समीकरण 2:+3»55 में, ५51 और »-7 रखें। तब,, , 2021-22
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44 गणित, , , , बायाँ पक्ष > 2(1) + 307) 52 + 21 5 23, जो दाएँ पक्ष के बराबर नहीं है।, अतः, ४51 और »-7 दी हुई समीकरण का एक हल नहीं है।, ज्यामितीय दृष्टि से इसका क्या अर्थ है? इसका अर्थ है कि बिंदु (1, 1) समीकरण, , 2.+ 395 5 द्वारा निरूपित रेखा पर स्थित है और बिंदु (1, 7) इस पर स्थित नहीं है। इसलिए,, समीकरण का प्रत्येक हल उसको निरूपित करने वाली रेखा पर स्थित एक बिंदु होता, , है।, , वास्तव में, यह किसी भी रैखिक समीकरण के लिए सत्य है, अर्थात् दो चरों वाले, रैखिक समीकरण ८८४+ ४/ + ०5० का प्रत्येक हल (६, )) इस समीकरण को निरूपित, करने वाली रेखा के एक बिंवु के संगत होता है और विलोमतः भी ऐसा होता है।, , अब ऊपर दिए गए समीकरणों (1) और (2) को लीजिए। इन समीकरणों को साथ, लेने पर, हमें अखिला की मेले के बारे में सूचना प्राप्त होती है।, , ये दो रैखिक समीकरण उन्हीं दो चरों & और $ में हैं। इस प्रकार के समीकरणों को, दो चरों में रैखिक समीकरणों का एक युग्म ( या रैखिक समीकरण युग्म) कहते हैं।, , आइए, देखें कि बीजगणितीय दृष्टि में ये कैसे युग्म हैं।, , दो चरों + और » में रैखक समीकरण युग्म का व्यापक रूप, , बज + 0./+ ८, 5 0, , और 4,0+ 9,/ +८, 5 0 हे, जहाँ ८,, 2, ०, ०,, #,. ०, सभी वास्तविक संख्याएँ हैं और 61+४1#0, ८;+ ४: #0 है।, , दो चरों में एक रैखिक समीकरण युग्म के कुछ उदाहरण हैं:, , 20+39-750 और 9%-2/+850, , 505» और -70+ 27+350, , >४+9»57 और 1755, , क्या आप जानते हैं कि ये ज्यामितीय दृष्टि से कैसे युग्म हैं?, , कक्षा [१ से याद कीजिए कि दो चरों में एक रैखिक समीकरण का ज्यामितीय (अर्थात्, ग्राफीय) निरूपण एक सरल रेखा होता है। क्या अब आप बता सकते हैं कि दो चरों में, रैखिक समीकरण युग्म ज्यामितीय रूप में कैसा दिखेगा? ये दो सरल रेखाएँ होंगी, जिन्हें, साथ-साथ लिया जाएगा।, , 2021-22
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46 गणित, , , , सारणी 3.1, , 6) तो), , कक्षा ५ से याद कीजिए कि प्रत्येक रैखक समीकरण के अपरिमित रूप से अनेक, हल होते हैं। इसलिए आप कोई भी दो हल चुन सकते हैं, जो हमारे द्वारा चुने गए हलों से, भी हो सकते हैं। क्या आप अनुमान लगा सकते हैं कि हमने पहले तथा दूसरे समीकरणों के, हल के लिए,५-0 क्यों चुना है? जब एक चर शून्य हो जाता है, तो समीकरण एक चर, के रैखिक समीकरण में बदल जाता है, जिसे आसानी से हल किया जा सकता है। उदाहरण, के लिए, समीकरण (2) में.४-0 रखने पर, हम पाते हैं कि 4) - 20 है, अर्थात् /5 है। इसी, प्रकार, समीकरण (2) में »<0 रखने पर हमें प्राप्त होता है:, , 30-20, अर्थात्, ४ < ञ है। चूँकि तर, एक पूर्णाक नहीं है, इसलिए इसे ग्राफ, पेपर पर ठीक-ठीक आलेखित करना, आसान नहीं है। अत: हम #>2, चुनते हैं, जिससे ४-4 मिलता है, जो, एक पूर्णाक है।, , सारणी 3.1 के हलों के संगत, बिंदुओं (0, 0), 8(2, 1) और 7(0, 5),, (0(4, 2) को आलेखित कौजिए। अब, समीकरणों +-2/<0 और 35 +4/ ८ 20, को निरूपित करने वाली रेखाओं, 48 तथा 7९0 को खींचिए, जैसा कि, आकृति 3.2 में दर्शाया गया है। आकृति 3.2, , आकृति 3.2 में ध्यान दीजिए कि दोनों समीकरणों को निरूपित करने वाली दोनों रेखाएँ, बिंदु (4, 2) पर प्रतिच्छेद करती हैं। इसका क्या अर्थ है, इस पर हम अगले अनुच्छेद में, चर्चा करेंगे।, , , , 2021-22