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1063 CHO5, समांतर श्रेढ़ियाँ, 5, 5.1 भूमिका, आपने इस पर अवश्य ध्यान दिया होगा कि प्रकृति में, अनेक वस्तुएँ एक निश्चित प्रतिरूप, (pattern) का अनुसरण करती हैं, जैसे कि सूरजमुखी के फूल की पंखुड़ियाँ, मधु-कोष ( या, मधु-छत्ते) में छिद्र, एक भुट्टे पर दाने, एक अनन्नास और एक पाइन कोन (pine cone) पर, सर्पिल, इत्यादि, shea, अब हम अपने दैनिक जीवन में आने वाले, की ओर देखते हैं। ऐसे कुछ, उदाहरण हैं :, (i) रीना ने एक पद के लिए आवेदन किया और, उसका चयन हो गया। उसे यह पद 8000 के, मासिक वेतन और 500 वार्षिक की वेतन वृद्धि के, साथ दिया गया। उसका वेतन ( में) पहले वर्ष,, दूसरे वर्ष, तीसरे वर्ष, इत्यादि के लिए क्रमश:, 8000,, 8500, 9000, ... होगा।, (ii) एक सीढ़ी के डंडों की लंबाइयाँ नीचे से ऊपर की, ओर एक समान रूप से 2 cm घटती जाती हैं।, (देखिए आकृति 5.1) । सबसे नीचे वाला डंडा, लंबाई में 45 cm है। नीचे से, पहले, दूसरे,, तीसरे,, डंडों की लंबाइयाँ (cm में) क्रमश:, आकृति 5.1, 45, 43, 41, 39, 37, 35, 33 और 31 हैं।, (iii) किसी बचत योजना में, कोई धनराशि प्रत्येक 3 वर्षों के बाद स्वयं की - गुनी हो जाती, 5, 4, 2021-22
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समांतर श्रेढ़ियाँ, 103, है। 8000 के निवेश की 3, 6, 9 और 12 वर्षों के बाद परिपक्वता राशियाँ (रुपयों में), क्रमश:, 10000,, 12500, 15625, और 19531.25 हैं।, (iv) भुजाओं 1, 2, 3, ..., मात्रकों (units) वाले वर्गों में मात्रक वर्गों की संख्याएँ (देखिए, आकृति 5.2) क्रमश: 1, 2', 3°, ., हैं।, आकृति 5.2, (v) शकीला अपनी पुत्री की गुल्लक में 100 तब डालती है, जब वह एक वर्ष की हो जाती, है तथा प्रत्येक वर्ष इसमें 50 की वृद्धि करती जाती है। उसके पहले, दूसरे, तीसरे,, चौथे,, shuto, जन्म दिवसों पर उसकी गुल्लक में डाली, राशियाँ (रुपयों में) क्रमश:, 100,, 150, 200, 250, ... होंगी।, (vi) खरगोशों का एक युग्म अपने पहले महीने में प्रजनन करने के योग्य नहीं है । दूसरे और, प्रत्येक आने वाले महीने में वे एक नए युग्म का प्रजनन करते हैं । प्रत्येक नया युग्म, अपने दूसरे महीने और प्रत्येक आने वाले महीने में एक नए युग्म का प्रजनन करता, है (देखिए आकृति 5.3) । यह मानते हुए कि किसी खरगोश की मृत्यु नहीं होती है,, पहले, दूसरे, तीसरे, ., ocy, छठे महीने के प्रारंभ में खरगोशों के युग्मों की संख्या क्रमश:, 1, 1, 2, 3, 5 और 8 होगी।, t to, 1, 5, 8, आकृति 5.3, 2021-22
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104, गणित, उपरोक्त उदाहरणों में, हम कुछ प्रतिरूप देखते हैं । कुछ में हम देखते हैं कि, उत्तरोत्तर पद अपने से पहले पद में एक स्थिर संख्या जोड़ने से प्राप्त होते हैं%3 कुछ में, ये पद अपने से पहले पद को एक निश्चित संख्या से गुणा करके प्राप्त होते हैं तथा कुछ, अन्य में हम यह देखते हैं कि ये क्रमागत संख्याओं के वर्ग हैं, इत्यादि।, इस अध्याय में, हम इनमें से एक प्रतिरूप का अध्ययन करेंगे जिसमें उत्तरोत्तर पद, अपने से पहले पदों में एक निश्चित संख्या जोड़ने पर प्राप्त किए जाते हैं । हम यह भी देखेंगे, कि इनकेnवें पद और n क्रमागत पदों के योग किस प्रकार ज्ञात किए जाते हैं तथा इस ज्ञान, का प्रयोग कुछ दैनिक जीवन की समस्याओं को हल करने में करेंगे।, 5.2 समांतर श्रेढ़ियाँ, संख्याओं की निम्नलिखित सूचियों (lists) पर विचार कीजिए:, (i) 1, 2, 3, 4, ..., (ii) 100, 70, 40, 10, ..., (iiї) —3, -2, -1, 0, . .., (iv) 3, 3, 3, 3, ..., (v) -1.0, -1.5, –2.0, -2.5, . ,, सूची की प्रत्येक संख्या एक पद (term) कहलाता है।, NCERT, उपरोक्त सूचियों में से प्रत्येक सूची में, यदि आपको एक पद दिया हो, तो क्या आप, उसका अगला पद लिख सकते हैं? यदि हाँ, तो आप ऐसा कैसे करेंगे? शायद, किसी, प्रतिरूप या नियम का अनुसरण करते हुए, आप ऐसा करेंगे। आइए, उपरोक्त सूचियों को देखें, और इनमें संबद्ध नियम को लिखें ।, (i) में प्रत्येक पद अपने पिछले पद से 1 अधिक है ।, (ii) में प्रत्येक पद अपने पिछले पद से 30 कम है।, (ii) में प्रत्येक पद अपने पिछले पद में 1 जोड़ने से प्राप्त होता है ।, (iv) में सभी पद 3 हैं, अर्थात् प्रत्येक पद अपने पिछले पद में शून्य जोड़कर (या उसमें, से शून्य घटा कर प्राप्त होता है।), (v) में प्रत्येक पद अपने पिछले पद में - 0.5 जोड़कर (अर्थात् उसमें से 0.5 घटाकर), प्राप्त होता है।, उपरोक्त सूचियों में से प्रत्येक में हम देखते हैं कि उत्तरोत्तर पदों को इनसे पहले पदों, 2021-22, epublished