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पादपों में पोषण, 0759CH01, "क्षा 6 में आप पढ़ चुके हैं कि सभी जीवों के ऐसे पादपों को स्वपोषी कहते हैं। जंतु एवं अधिकतर, लिए भोजन आवश्यक है। आप यह भी पढ़, चुके हैं कि कार्बोहाइड्रेट, प्रोटीन, वसा,, एवं खनिज भोजन के घटक हैं। भोजन के ये घटक, हमारे शरीर के लिए आवश्यक हैं तथा इन्हें पोषक, कहते हैं।, सभी जीवों को भोजन की आवश्यकता होती है।, अन्य जीव पादपों द्वारा संश्लेषित भोजन ग्रहण करते, विटामिन, हैं। उन्हें विषमपोषी कहते हैं।, पहेली जानना चाहती है कि पादपों की, तरह हमारा शरीर भी कार्बन, डाइऑक्साइड, जल एवं खनिज से अपना, भोजन स्वयं क्यों नहीं बना सकता।, पादप (पौधे) स्वयं के लिए भोजन बना सकते हैं,, परंतु मानव सहित कोई भी प्राणी अपना भोजन स्वयं, नहीं बना सकता। वे पादपों अथवा पादपों का आहार, अब हम पूछ सकते हैं कि पादपों की खाद्य, ग्रहण करने वाले जंतुओं से अपना भोजन प्राप्त करते फ़ीक्ट्रिया कहाँ स्थित हैं? क्या भोजन पादप के सभी, भागों में निर्मित होता है अथवा केवल कुछ विशेष, हैं। अत: मानव तथा अन्य प्राणी प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष, भागों में? पादप अपने परिवेश से कच्ची सामग्री किस, रूप से पादपों पर निर्भर करते हैं ।, प्रकार प्राप्त करते हैं? खाद्य फ़ैक्ट्रियों तक उनका, स्थानांतरण किस प्रकार होता है?, बूझो जानना चाहता, है।, कि पादप, अपना भोजन किस प्रकार बनाते हैं।, काश संश्लेषण - पादपों में खाद्य, संश्लेषण का प्रक्रम, 1.2, 1.1 पादपों में पोषण विधि, पत्तियाँ पादप की खाद्य फैक्ट्रियाँ हैं। अत: सभी कच्चे, केवल पादप ही ऐसे जीव हैं, जो जल, कार्बन पदार्थ पत्तियों तक पहुँचने चाहिए । मृदा में उपस्थित, डाइऑक्साइड एवं खनिज की सहायता से अपना, भोजन बना सकते हैं। ये सभी पदार्थ उनके परिवेश में, जल एवं खनिज जड़ (मूल) द्वारा अवशोषित किए, उपलब्ध होते हैं।, पोषक पदार्थ सजीवों की शारीरिक संरचना, वृद्धि, तथा क्षतिग्रस्त भागों के रखरखाव के लिए समर्थ, बनाते हैं तथा विभिन्न जैव प्रक्रमों के लिए आवश्यक, ऊर्जा भी प्रदान करते हैं। सजीवों द्वारा भोजन ग्रहण, करने एवं इसके उपयोग की विधि को पोषण कहते जाते हैं तथा तने के माध्यम से प्तियों तक पहुँचाए, हैं। पोषण की वह विधि, जिसमें जीव अपना भोजन जाते हैं। पत्ती की सतह पर उपस्थित सूक्ष्म रंध्रों द्वारा, स्वयं संश्लेषित करते हैं, स्वपोषण कहलाती है। अतः, बूझो जानना चाहता है कि जड़ द्वारा, अवशोषित जल एवं खनिज पत्ती तक, किस प्रकार पहुँचते हैं?, वायु में उपस्थित कार्बन डाइऑक्साइड प्रवेश करती है।, 2021-22
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कोशिकाएँ, आपने देखा है कि इमारतें ईंटों से बनती हैं। इसी प्रकार, सजीवों का शरीर सूक्ष्म इकाइयों से बनता है, जो कोशिका, कहलाती हैं। कोशिकाओं को सूक्ष्मदर्शी द्वारा देखा जा सकता, है। कुछ जीव मात्र एक कोशिका के बने होते हैं। कोशिका, एक पतली बाह्य संरचना द्वारा घिरी होती है, जिसे कोशिका, झिल्ली कहते हैं। इसमें केंद्र में स्थित एक सुस्पष्ट संरचना, भी होती है, जो केंद्रक कहलाती है (चित्र 1.1) । केंद्रक, चारों ओर से जेली के समान एक पदार्थ से घिरा होता है,, जिसे कोशिका द्रव्य कहते हैं।, केंद्रक, -कोशिका द्रव्य, कोशिका झिल्ली, चित्र 1.1 कोशिका का आरेख चित्र, यह रंध्र द्वारकोशिकाओं द्वारा घिरे होते हैं । ऐसे छिद्रों, को रंध्र कहते हैं।, जल एवं खनिज, वाहिकाओं द्वारा पत्तियों तक, पहुँचाए जाते हैं। ये वाहिकाएँ नली के समान होती हैं।, तथा जड़, तना, शाखाओं एवं पत्तियों तक फैली होती सभी जीवों के लिए सूर्य ऊर्जा का चरम स्रोत है।, हैं। पोषकों को पत्तियों तक पहुँचाने के लिए ये, वाहिकाएँ एक सतत् मार्ग बनाती हैं। पादपों में पदार्थों संश्लेषण नहीं होगा तो क्या होगा?, के परिवहन के विषय में आप अध्याय 11 में पढ़ेंगे।, डाइऑक्साइड एवं जल, प्रकाश संश्लेषण के लिए, आवश्यक हैं। इस पृथ्वी पर यह एक अद्वितीय प्रक्रम, है। पत्तियों द्वारा सौर ऊर्जा संग्रहित की जाती है तथा, पादप में खाद्य के रूप में संचित हो जाती है। अतः, क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि प्रकाश, प्रकाश संश्लेषण न होने की स्थिति में खाद्य, उपलब्ध नहीं होगा। सभी जीवों का अस्तित्व प्रत्यक्ष, No, अथवा परोक्ष रूप से पादपों द्वारा निर्मित भोजन पर, निर्भर करता है। इसके अतिरिक्त सभी जीवों के लिए, परमावश्यक ऑक्सीजन भी प्रकाश संश्लेषण के दौरान, निर्मित होती है। प्रकाश संश्लेषण की अनुपरस्थिति में,, पृथ्वी पर जीवन की कल्पना असंभव है।, प्रकाश संश्लेषण के दौरान पत्ती की क्लोरोफ़िलयुक्त, कोशिकाएँ (चित्र 1.2), सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति, पहेली जानना चाहती है कि पत्तियों में, ऐसी क्या विशेषता है कि वे खाद्य पदार्थों, का संश्लेषण कर सकती हैं परंतु पादप के, दूसरे भाग नहीं।, पत्तियों में एक हरा वर्णक होता है, जिसे क्लोरोफ़िल में, कार्बन डाइऑक्साइड एवं जल से कार्बोहाइड्रेट का, कहते हैं। क्लोरोफ़िल सूर्य के प्रकाश (सौर प्रकाश), की ऊर्जा का संग्रहण करने में पत्ती की सहायता, संश्लेषण करती हैं (चित्र 1.3) । इस प्रक्रम को निम्न, समीकरण द्वारा दर्शा सकते हैं:, करता है। इस ऊर्जा का उपयोग जल एवं कार्बन, डाइऑक्साइड से खाद्य संश्लेषण में होता है, क्योंकि, खाद्य संश्लेषण सूर्य के प्रकाश की उपस्थिति में होता, है। इसलिए इसे प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। अत:, हमने देखा कि क्लोरोफ़िल, सूर्य का प्रकाश,, कार्बन डाइऑक्साइड + जल, सूर्य का प्रकाश, ->, क्लोरोफ़िल, कार्बोहाइड्रेट + ऑक्सीजन, इस प्रक्रम में ऑक्सीजन निर्मुक्त होती है। कार्बोहाइड्रेट, अंतत: पत्तियों में मंड (स्टार्च) के रूप में संचित हो, कार्बन, विज्ञान, 2021-22
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क्लोरोफ़िल, बूझो ने देखा कि कुछ पादपों की पत्तियाँ, गहरी लाल, बैंगनी अथवा भूरे रंग की होती, हैं। वह जानना चाहता है कि क्या इन पत्तियों, में भी प्रकाश संश्लेषण होता है?, पत्तियों के अतिरिक्त, पादपों के दूसरे हरे भागों जैसे कि, हरे तने एवं हरी शाखाओं में भी प्रकाश संश्लेषण होता, है। मरुस्थलीय पादपों में वाष्पोत्सर्जन द्वारा जल क्षय को, कम करने के लिए पत्तियाँ शल्क अथवा शूल रूपी हो, जाती हैं। इन पादपों के तने हरे होते हैं, जो प्रकाश, संश्लेषण का कार्य करते हैं।, द्वार कोशिकाएँ, रंध्र, (b) पत्ती की काट, द्वार कोशिकाएँ, (a) पत्ती, क्रियाकलाप 1.1, एक ही प्रकार के पादपों के दो गमले लीजिए । एक, को अंधकार (अथवा काले बक्स) में 72 घंटों के, लिए रखिए तथा दूसरे को सूर्य के प्रकाश में रखिए |, दोनों पादपों की पत्तियों में आयोडीन परीक्षण उसी, प्रकार कीजिए जैसे आपने कक्षा 6 में किया था । अपने, अवलोकनों को नोट कीजिए । अब उस गमले को,, जिसे आपने अंधकार में रखा था, 3-4 दिनों के लिए, सूर्य के प्रकाश में रख दीजिए तथा पुनः इसकी पत्ती, पर आयोडीन परीक्षण कीजिए । अपने प्रेक्षण अपनी, नोटबुक में लिखें।, हरी पत्तियों के अतिरिक्त अन्य वर्ण (रंग) की, पत्तियों में भी क्लोरोफ़िल होता है। परंतु इन पत्तियों में, उपस्थित लाल, भूरे अथवा अन्य वर्णक क्लोरोफ़िल, के हरे रंग का प्रच्छादन कर देते हैं अर्थात् ढक लेते, हैं (चित्र 1.4)। इन पत्तियों में भी प्रकाश संश्लेषण, होता है।, आपने गीली दीवारों पर, तालाब अरथवा ठहरे हुए, जलाशय में हरे अवपंकी (काई जैसे पादप) देखे, होंगे। ये सामान्यत: कुछ जीवों की वृद्धि के कारण, बनते हैं, जिन्हें शैवाल कहते हैं। क्या आप कल्पना, रंध्री द्वार, चित्र 1.2 क्लोरोफ़िल युक्त कोशिकाएँ दशाते हुए किसी पत्ती का, काट चित्र, जाते हैं। पत्ती में स्टार्च की उपस्थिति प्रकाश संश्लेषण, प्रक्रम का संपन्न होना दर्शाता है। स्टाच्च भी एक प्रकार, का कार्बोहाइड्रेट है।, be, कार्बन, डाइऑक्साइड, पत्तियों में, ऑक्सीजन, क्लोरोफ़िल, जल एवं, खनिज, चित्र 1.3 प्रकाश संश्लेषण दश्शाने के लिए व्यवस्था चित्र, पादपों में पोषण, 2021-22, सौर ऊर्जा
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भी एक प्रकार के परजीवी हैं? आपको इस पर विचार, करना चाहिए। अपने अध्यापक से इस विषय पर, चर्चा कीजिए ।, बीच फँस जाता है। घड़े में उपस्थित पाचक, रस द्वारा कीटों का पाचन हो जाता है। कीटों, का भक्षण करने वाले ऐसे पादप कीटभक्षी पादप, कहलाते हैं। वीनस फ्लाइ ट्रैप तथा सनड्यू कीटभक्षी, पादपों के दो अन्य उदाहरण हैं। इनके बारे में जानकारी, प्राप्त कीजिए।, पहेली जानना चाहती है कि क्या हमारा, रक्त चूसने वाले मच्छर, खटमल, जू एवं, जोंक जैसे जीव भी परजीवी, बूझो भ्रमित है। यदि घटपण्णी हरा, होता है और प्रकाश संश्लेषण, संपादित करता है, तो यह कीटों का, क्या आपने ऐसे पादपों को देखा अथवा उनके, विषय में सुना है, जो जंतुओं का भक्षण करते हैं। कुछ, ऐसे पादप भी हैं, जो कीटों को पकड़ते हैं तथा उन्हें, पचा जाते हैं। क्या यह विस्मयकारी नहीं है ? ऐसे पौधे, हरे या अन्य किसी रंग के हो सकते हैं। चित्र 1.6 के, पादप को देखिए। इसकी घड़े (घट) के समान दिखाई मृदा से वे सभी पोषक नहीं मिल पाते हैं, जिनकी उन्हें, देने वाली संरचना वास्तव में उसकी पत्ती का रूपांतरित, भक्षण क्यों करता है?, क्या यह संभव है कि इस प्रकार के पादपों को, आवश्यकता है?, भाग है। पत्ते का शीर्ष भाग घड़े का ढक्कन बनाता है।, घड़े के अंदर अनेक रोम होते हैं जो नीचे की ओर, ढलके रहते हैं अर्थात् अधोमुखी होते हैं। जब कोई आपने बाजार में छत्रक ( मशरूम ) बिकते देखे होंगे, कीट घड़े में प्रवेश करता है, तो यह उसके रोमों के, 1,4 मृतजीवी, (चित्र 1.7) । वर्षा के दिनों में वृक्षों की सड़ी-गली, टूटी टहनियों अथवा तनों या छाल पर छाते के समान, संरचनाओं के गुच्छे भी आपने देखे होंगे। आइए देखें, कि जीवनयापन हेतु इन्हें किस प्रकार के पोषकों की, आवश्यकता होती है और वे उन्हें कहाँ से प्राप्त, होते हैं?, ढक्कन, बूझो जानना चाहता है कि ये जीव, अपना भोजन किस प्रकार प्राप्त करते, हैं। इनमें प्राणियों के समान मुख नहीं, होता। ये हरे पादपों के समान भी नहीं, होते। इनमें क्लोरोफिल अनुपस्थित होता, है। अत: ये प्रकाश संश्लेषण द्वारा भोजन, का संश्लेषण नहीं कर सकते।, घट में, रूपांतरित पत्ती, चित्र 1.6 घटपर्णी (पिचर पादप) में घड़े एवं ढक्कन जैसी संरचना, होती है, पादपों में पोषण, 5, 2021-22, aby