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क्या आप जानते हो?, चूहों में देखने की क्षमता कम परंतु, सूँघने, छूने तथा स्वाद वाली क्षमताएँ, बहुत ही तीव्र होती हैं।, क्या तुम जानते हो?, गांधी जी की 150वीं वर्षगाँठ के लिए ' स्वच्छ भारत अभियान' की शुरूआत, की गई। यह हमें अहसास दिलाता है कि स्वच्छता हमारी ज़िम्मेदारी ही नहीं,, बल्कि फ़र्ज भी है।, 2
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मैं हांगकांग में रहती हूँ। मुझे और मेरी माँ को, साँप खाना बहुत पसंद है। जब भी हमारी साँप, खाने की इच्छा होती है, तब हम पास के एक, होटल में जाकर 'लिंग-हू-फेन' खाते हैं।, लीचेन, he, मैं कश्मीर में रहती हूँ। सरसों के तेल में बनी, मछली मुझे बहुत पसंद है। एक बार हम गोवा, गए थे। वहाँ हमने मछली खाई, पर स्वाद बहुत, ही अलग था। माँ ने कहा - अरे यह तो नारियल, के तेल में बनी समुंदर की मछली है। स्वाद तो, अलग होगा ही!, मैं केरल में रहता हूँ। मुझे सबसे अच्छी दो चीज़ें, लगती हैं। वे चीजें मेरे घर के आँगन में ही उगती हैं।, एक ऊपर ऊँचे पेड़ पर और दूसरी ज़मीन के नीचे।, बस नारियल डली हुई किसी भी करी के साथ उबला, हुआ टैपिओका मिल जाए तो क्या मज़ा आता है।, टॉमस, बच्चों में भोजन से जुड़ी विविधता पर खुलकर चर्चा, करें। उनके परिवार से जुड़े अनुभव सुनें और भोजन, में विविधता को सम्मान दें।, 3
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आओ ब्रेल के बारे में जानें, तुमने देखा कि रवि भैया एक खास तरह की किताबें ही पढ़ सकते हैं । ये किताबें कैसे, बनीं? इसके बारे में सबसे पहले किसने सोचा होगा?, आओ, इस ब्रेल के बारे में कुछ बातें जानें ।, E, В, C, A, ब्रेल, लुई ब्रेल फ्राँस देश का रहने वाला था। जब वह तीन साल का था, तब एक दिन, अपने पिता के औजारों से खेल रहा था। अचानक एक नुकीले औज़ार से उसकी आँखों, में चोट लग गई और आँखें खराब हो गईं। उसे आँखों से दिखना बिल्कुल बंद हो गया।, उसकी पढ़ने में बहुत रुचि थी। उसने हार नहीं मानी। वह पढ़ने के लिए तरह-तरह, की तरकीबें सोचता रहता था। आखिर उसने ढूँढ़ ही लिया एक तरीका - छूकर पढ़ने, का। यह बाद में ब्रेल लिपि के नाम से जानी जाने लगी।, इस तरह की लिपि में मोटे कागज़ पर उभरे हुए बिंदु बने होते हैं। उभरे होने के, कारण इन्हें छूकर पढ़ा जा सकता है। यह लिपि छः बिंदुओं पर आधारित होती है।, आजकल ब्रेल में नए-नए परिवर्तन हुए हैं, जिससे इसे पढ़ना-लिखना और भी, आसान हो गया है। ब्रेल लिपि अब कंप्यूटर के द्वारा भी लिखी जा सकती है।, बच्चे ब्रेल लिपि को देखेंगे तो बेहतर ढंग से समझ पाएँगें। ब्रेल लिपि की जानकारी देते समय, बच्चों को वास्तविक ब्रेल शीट दिखाना अच्छा रहेगा।, 4
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ऐसेभी होते हैघर, 0328CHI8, मेरा नाम नसीम है। में श्रीनगर में रहता हूँ। कल से हमारे स्कूल में बहुत चहल, है। यह पूरे सात दिनों तक रहेगी। जानते हो क्यों? हमारे स्कूल में कैंप जो ल, कैंप में कई जगहों से बच्चे आए हैं। मैदान में टेंट लगाकर सबके रहने का ३, किया गया है।, हमने स्कूल को खूब सजाया है। कुछ बच्चों ने कपड़ों की कतरनों से, बनाकर, उन्हें दरवाज़े पर लगाया है। कुछ ने बादाम के छिलकों से पोस्टर बन, कहीं तो सूखे पत्तों तथा लकड़ी के बुरादे से रंगोली बनाई है।, मकानों की विविधता दिखाने के लिए कुछ जगह जैसे- असम, राजस्थान, दिल्ली, पहाड़ी, का उपयोग हुआ है। इन जगहों का परिवेश समझने से बच्चे इन मकानों को समझ ए