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सम-सामयिक घटना चक्र, , मार्च, 208, , , , ६ कथन (५): शुक्र ग्रह पर मानव जीवन का होना अत्यधिक असंभाव्य #€ मौसम बदलने का कारण है -पृथ्वी का सूर्य के चारों ओर चक्कर, है। लगाना व अपने अक्ष पर झुकी होना।, कारण (7) : शुक्र के वायुमण्डल में कार्बन डाइऑक्साइड का अत्यधिक ६ पृथ्वी के पृष्ठ पर किसी विशेष बिंदु पर विचार कीजिए (उदाहरणार्थ, उच्च स्तर है। दिल्ली शहर) दिन में (उदाहरणार्थ दोपहर बारह बजे) वहां का तापमान, --(५) और (7) दोनों सही हैं और (0२), (५) की सही व्याख्या है। सर्दियों की अपेक्षा गर्मियों में सामान्यतः अधिक होगा, क्योंकि, + पृथ्वी की जुड़वां बहन कहे जाने वाले ग्रह का नाम है “शुक्र -पृथ्वी पर गिरने वाली सूर्य की किरणें सर्दी में, जै मैगलन अंतरिक्षयान भेजा गया था -शुक्र के लिए पृथ्वी के पृष्ठ की दिशा में अधिक झुकी होती हैं।, शां. पृथ्वी ६ अगर सूर्य और पृथ्वी के बीच की दूरी एक-चौथाई कम हो जाए, तो, जिनको. अिकि सबसे अधिक संभावना होगी, + पृथ्वी गोलाकार है। सर्वप्रथम कहा था -अरस्तू ने -हमारे वर्ष की अवधि कम हो जाएगी।, जे एक जीवधारी के रुप में पृथ्वी का वैज्ञानिक नाम है. -ग्रीन प्लनैट # पृथ्वी पर मरुभूमि होने की संभावना अधिक रहती है, + पृथ्वी का व्यास है --2,756 किमी. --23" अक्षांश के पास, के कथन (७): पृथ्वी पर एक स्थान से बढ़ते हुए अक्षांश वाले दूसरे #& कथन (७) : कृत्रिम उपग्रह हमेशा पृथ्वी से पूर्वी दिशा में छोड़े, स्थान पर किसी वस्तु का वजन घटता है। जाते हैं।, कारण (2) : पृथ्वी एक परिशुद्ध गोला नहीं है। कारण (२) : पृथ्वी पश्चिम से पूर्व की ओर चक्कर लगाती है और, -(#) गलत है, परंतु (2) सही है। इसलिए उपग्रह को निकास वेग मिल जाता है।, +€ पृथ्वी के तरल अभ्यन्तर (०८7 ००८) के समान चंद्रमा का अभ्यन्तर -(७) गलत है, परंतु (2) सही है।, है “पाता 06 पृथ्वी के परित: घूमने वाले कृत्रिम उपग्रह से बाहर गिराई गई गेंद, + भू-पर्पटी में बहुतायत से पाया जाने वाला रासायनिक तत्व है, _ ऑक्धीज -पृथ्वी के परितः उपग्रह के माल आवर्तकाल, ज पृथ्वी तक पहुंचने के लिए सूर्य से चला प्रकाश समय लेता है, लगभग के जो उसी के कबों में।वूतती रहेगी।, _8 मिनट 7 सेकंड + पृथ्वी ग्रह की संरचना में, प्रावार (मैंटल) के नीचे, क्रोड (00७) बना, +६ वह तारा जो पृथ्वी के सर्वाधिक समीप है सूर्य होते है “जो औए निकल से, पृथ्वी का निकटतमं बह है -शुक्र +€ विश्व पृथ्वी दिवस मनाया जाता है --22 अप्रैल को, जे पृथ्वी को सूर्य की परिक्रमा करने में लगते हैं, लगभग शां. मगल, --365.25 दिन खलअकलबल- फससफकलफाइकसकफजसक, जै अपने परिक्रमा-पथ में पृथ्वी लगभग माध्य वेग से सूर्य का चक्कर ># 'एक ग्रह के दिन का मान और उसके अक्ष का झुकाव लगभग पृथ्वी के, लगाती है। वह है --29.8 किमी./सेकंड दिन मान और झुकाव के समतुल्य है।” सही है, + पृथ्वी परिभ्रमण करती हुई प्रति मिनट करीब-करीब दूरी तय कर लेती है --मंगल ग्रह के विषय में, -27.83 किमी. # कथन (#) : पृथ्वी द्वारा सूर्य की परिक्रमा की समयावधि की तुलना में, + पृथ्वी की परिक्रमण धुरी (ध्रुवीय धुरी) सदा झुकी होती है मंगल ग्रह द्वारा सूर्य की परिक्रमा की समयावधि कम है।, -दीर्घ॑वृत्तीय धुरी से 23.5"पर कारण (7२) : मंगल ग्रह का व्यास पृथ्वी के व्यास की तुलना में कम, ज सत्य कथन है “पृथ्वी की चुंबकीय विषुवत रेखा दक्षिण है। -(») गलत है, परंतु (२) सही है।, भारत में थुम्बा से गुजरती है। जे मंगल पर जीवन की उपस्थिति के लिए वह अवस्था जो सबसे सुसंगत, ज सत्य कथन है है -बर्फ छत्रकों और हिमशीतित जल की उपस्थिति, -पृथ्वी के अक्ष के उत्तरी सिरे को उत्तरी ध्रुव कहते हैं, >पृथ्वी के अलावा अन्य जीवन की संभावना है, क्योंकि वहां का पर्यावरण, पृथ्वी के अक्ष की समांतरता है। जीवन के लिए बहुत अनुकूल है, वह है, ज दिन-रात जिस कारण होते हैं, वह है -भू-परिभ्रमण -यूरोपा (बृहस्पति का उपग्रह), जज जब दिन और रात की अवधि बराबर होती है, तो सूर्य की किरणें सीधी # फीनिक्स मार्श लैंडर मंगल ग्रह की सतह पर उतरा था, पड़ती हैं -भूमध्य रेखा पर --25 मई, 2008 को, अतिरिक्तांक 3
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सम-साम॑यिक घटना चक्र (), , जे मे जे ऋू मे, , जे मे, , जे जे, , जे जे मे, , जे जू, , बृहस्पति ग्रह के चंद्रमाओं की खोज की गई थी, , “गैलीलियो द्वारा, सौरमण्डल में सबसे बड़ा ग्रह है -बृहस्पति, सौरमण्डल का सबसे भारी ग्रह है -बृहस्पति, , सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा के लिए अधिकतम समय लेने वाला, जह हैं वरुण, बृहस्पति का वलय होता है -सिलिकेटों का बना हुआ, वह ग्रह जिसके सर्वाधिक प्राकृतिक उपग्रह अथवा चंद्र हैं -बृहस्पति, , ४. शनि, शनि सूर्य के चारों ओर एक चक्कर लगाने में लेता है. --29.5 वर्ष, वह ग्रह जिसके चारों ओर वलय हैं -शनि, अपनी यात्रा के सात वर्षों के बाद अंतरिक्षयान कैसिनी ने जून, 2004 में, जिस ग्रह का चक्कर लगाना आरंभ किया, वह है “शनि, शनि ग्रह जिस ग्रह से गर्म है, वह है जजनेष्च्यून, टाइटन सबसे बड़ा चंद्रमा या उपग्रह है -शनि का, , 5». अरुण, वरुण एवं प्लूटो, , --84 वर्ष, जिस ग्रह/बौना ग्रह का वर्ष दीर्घतम होता है, वह है प्लूटो, इंटरनेशनल एस्ट्रोनॉमिकल यूनियन द्वारा वर्ष 2006 में दी गई एक नई, , यूरेनस सूर्य के चारों ओर एक परिक्रमा में लेता है, , परिभाषा के अनुसार ग्रह नहीं है प्लूटो, सौर परिवार का सबसे छोटा ग्रह है बुध, सौरमण्डल का सबसे ठंडा ग्रह है नेपच्यून, , सौर जगत का सबसे दूर का ग्रह है -कभी वरुण, कभी यम, , निक््स एवं हाइड्रा चंद्रमा हैं >प्लूटो के, अं. चद्रमा, , मानव ने चंद्रमा पर पहला कदम रखा था --वर्ष 969 में, , “सी ऑफ ट्रांक्विलिटी' (शांति का सागर) स्थित है. -चंद्रमा पर, , कथन (4) : चांद का सदैव एक अभिन्न फलक ही पृथ्वी की ओर, अभिमुख होता है।, , कारण (7२): चांद अपने अक्ष पर 23% दिवस में घूर्णन पूरा करता, है, जो लगभग उतनी ही अवधि है, जिसमें वह पृथ्वी की, परिक्रमा पूरी करता है।, , -(#) सही है, परंतु (२) गलत है।, पृथ्वी पर से चंद्रमा के पृष्ठ का केवल एक फलक ही, दिखाई देता है।, , कथन (७) :, , मार्च, 208, कारण (२): अपने अक्ष पर चंद्रमा के घूर्णन का काल उसके पृथ्वी के, चारों ओर घूमने के काल के बराबर होता है।, --(७) तथा (२) दोनों सही हैं और (२),, (#) का सही स्पष्टीकरण है।, चंद्रमा के धरातल पर दो व्यक्ति एक-दूसरे की बात नहीं सुन सकते हैं,, क्योंकि --चंद्रमा पर वायुमण्डल नहीं है।, चंद्रग्रहण होता है, जब, -सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है।, वह परिस्थिति जिसमें चंद्रग्रहण होता है. -पूर्ण चंद्र (॥ ४००), ]4 नवंबर, 206 को पूर्णिमा के चंद्रमा के सामान्य से अधिक चमकदार, होने के लिए मुख्य उत्तरदायी कारक था, --चंद्रमा का पृथ्वी की सबसे निकटतम दूरी पर रहने के, कारण अर्थात पूर्ण उपभू (0॥-7९/४४९९) पर होना, जब अर्द्ध चंद्र होता है, तो सूर्ड, प्थ्वी तथा चंद्र के बीच का कोण होता है, , -90%, सौरमण्डल में चंद्रमा है “पृथ्वी का उपग्रह, सुमेलित हैं, ग्रह यूरेनस, , उपग्रह चंद्रमा, , पुच्छल तारा हेली, , कृत्रिम उपग्रहयान मैरिनर, , “ब्लू मून' परिघटना होती है --जब एक सौर वर्ष में एक अतिरिक्त, पूर्णिमा होती है।, , जब किसी वस्तु को पृथ्वी से चंद्रमा पर ले जाया जाता है, तो, -उसका भार घट जाता है।, , चंद्रमा की पृथ्वी से औसत दूरी है --384400 किमी., , जो. क्षुद्रग्रह, मंगल और बृहस्पति की कक्षाओं के बीच सूर्य के चारों ओर परिक्रमा, करने वाले शैल के छोटे टुकड़ों के समूह को कहते हैं. -श्षुद्रग्रह, क्षुद्रग्रहों के विषय में सही कथन है, --श्षुद्रग्रह सूर्य की परिक्रमा करने वाले विभिन्न, आकारों के चट्टानी मलबे हैं, अधिकांश क्षुद्रग्रह, छोटे हैं, किंतु कुछ का व्यास 000 किमी. तक बड़ा है।, सौरमण्डल में क्षुद्रग्रह (एस्ट्रॉयड) छोटे खगोलीय पिंड हैं। ये जिन ग्रहों, के मध्य पाए जाते हैं, वे हैं --मंगल और बृहस्पति, क्षुद्रग्रहों तथा धूमकेतु के बीच अंतर होता है, -श्षुद्ग्रह लघु चट्टानी ग्राहिकाएं (प्लेनेटॉयड) हैं, जबकि, धूमकेतु हिमशीतित गैसों से निर्मित होते हैं, जिन्हें चट्टानी, और धातु पदार्थ आपस में बांधे रखते हैं। धूमकेतु गोचर, दीप्तिमान पुच्छ दर्शाते हैं, जबकि क्षुद्ग्रह यह नहीं दश्ाते॥, , , , अतिरिक्तांक