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2. भारत पर अरबों का आक्रमण - सिंध विजय, , अरबी साहित्यों में सिंध के लिए सौपीर शब्द का प्रयोग किया गया है तथा ये क्षेत्र जंगली गधों के लिए प्रसिद्ध था।, यहां पर डकुओं की संख्या बहुत अधिक है तथा खाने लायक वनस्पति या फल बहुत कम हैं/ यदि यहां एक बड़ी सेना भेजी, जाए तो वह शरृ्ी मर जाएगी और यदि छोटी सेना भेणी जाए तो जाकु उन्हें गरर देंगे/”, , - बिनाढुरी (#एढी ज़ाहित्यिकाएं, , भारत पर मुस्लिमों के आक्रमण का मुख्य कारण राजनैतिक, आर्थिक तथा धार्मिक थे। अरबों का भारत पर पहला आक्रमण 636, ई० में दूसरे खलीफा उमर के समय में बम्बई के थाणे पर हुआ था लेकिन ये आक्रमण असफल रहा | दूसरा अभियान खलीफा, उस्मान के समय 644 ई० में अब्दुल्ला बिन उमर के नेतृत्व में स्थल मार्ग द्वारा मकरान के पश्चिमी सिच्ध में किया गया। यह, आक्रमण एक प्रकार से सफल रहा लेकिन सिन्ध को अपने राज्य में नहीं मिला पाए।, , हर्ष की मृत्यु के बाद सिंध में राय वंश की स्थापना हुई। इस वंश का अन्तिम शासक राय सोहसी तृतीय था। जिसकी हत्या, उसके मंत्री चच ने कर दी थी तथा चच वंश की स्थापना की।, , 708 ई० में दश्मिक के खलीफा श्रीलंका के राजा ने कुछ उपहार खलीफा अंल-वालिद तथा इराक के गवर्नर हज्जाज, बिन यूसूफ के लिए भेजे ये उपहार अरब सागर के रास्ते भेजे गए इन जहाजों को सिंध के देबुल बंदरगाह पर डाकुओं द्वारा, लूट लिया गया।, , इस समय सिंध का शासक चच वंश का दाहिर था। हज्जाज ने दाहिर से मुआवजे की मांग की | दाहिर ने इन्कार कर, दिया। परिणामस्वरूप हज्जाज ने युद्ध की घोषणा की।, , सबसे पहला आक्रमण 711 ई० में उबेदुल्लाह के नेतृत्व में किया गया जो असफल रहा। दूसरा आक्रमण 711 ई० में ही, बुदैल के नेतृत्व में हुआ। यह भी असफल रहा। तीसरा“आक्रमण मुहम्मद बिन कापिम के नेतृत्व में 712 ई० में हुआ जो सफल, रहा।, , मुहम्मद बिन कासिम ने देवल के युद्ध-में तथा: निरून॑ के युद्ध में विजय प्राप्त की तत्पश्चात् उसने सेहवान को जीता, अन्त में ब्राहमणवाद के युद्ध में दाहिर का कासिम से सामना हुआ जिसमें दाहिर की मृत्यु हो गई। इसके बाद दाहिर का पुत्र, जयसिंह भी ब्राहमणवाद युद्ध में पराजित हुओ॥, नोट: पराजित होने के पश्चात् जयसिंह ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया।, नोट: भारत पर आक्रमण के समय मुहम्मद बिन कासिम की उम्र मात्र 17 वर्ष थी।, , दाहिर की मृत्यु के बाद कासिम ने उसकी 2 पुत्रियों सूर्यदेवी तथा परमालदेवी को खलीफा ने पास उपहार स्वरूप भेजा, लेकिन वहां आकर दोनों वीरांगनाओं ने खलीफा से शिकायत की कासिम ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया था। कासिम को वापिस, बुलाया गया तथा खलीफा ने-उसे मृत्यु दण्ड दे दिया लेकिन जब खलीफा को दोनों वीरांगनाओं के झूठ का पता चला तो, खलीफा ने उन दोनों को-भी मौत के घाट उतार दिया।, , अरब आक्रमण का प्रभाव, ०. मुस्लिम संस्कृति का भारत में प्रवेश, ० भारत-अरब व्यापार में वृद्धि, ० भारत में ऊंटों की नस््लों में सुधार, ० सांस्कृतिक आदान-प्रदान
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नोट: मुहम्मद बिन कासिम भारत में जजिया कर वसूलने वाला पहला व्यक्ति था।, , नोट: कासिम के बाद अगला सेनापति जुनैद को बनाया गया जिसके बाद अरबों ने 5 आक्रमण गुजरात पर किए लेकिन गुर्जर, प्रतिहार शासकों के कारण वे विफल रहे।, , नोट: अबू वसर नामक (एक अरब विद्वान) बनारस आया था उसने यहां ज्योतिषी शिक्षा प्राप्त की |, , नोट: अरबों की सिंध विजय की जानकारी चचनामा पुस्तक से प्राप्त होती है जो अरबी भाषा में लिखी गई है। इसका लेखक, अज्ञात है।, , नोट: अलकूफी ने चचनामा का अनुवाद फारसी भाषा में किया।