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(क) किसी तालाब में एक बातूनी कछुआ रहता था। उसी तालाब, के किनारे दो हंस भी रहते थे। वे तीनों आपस में मित्र थे। एक बार, गरमी के मौसम में तालाब का पानी सूखने के कारण हंस दूसरे, तालाब पर उड़कर जाने के लिए तैयार हो गए। कछआ भी तैयार, था, लेकिन उसे ले जाने की समस्या थी। कछुए ने उपाय बताया कि, दोनों हंस अपनी चोंच में एक लकड़ी के सिरों को पकड़ लेंगे और, वह उस लड़की को अपने मुँह से पकड़ लेगा, जिससे तीनों मित्र, एक साथ एक ही तालाब पर रहेंगे। हंसों ने कहा कि उपाय तो, अच्छा है, लेकिन बातूनी होने के कारण तुम रास्ते में बात न करने, लगना नहीं तो तुम नीचे गिरकर मर जाओगे। कछुए ने कहा कि, वह मूर्ख नहीं है वह अपने पैर पर स्वयं कुल्हाड़ी क्यों मारेगा?, योजनानुसार वे उड़ गए। रास्ते में कुछ लोगों की बात सुनकर, कछुआ बोल पड़ा और नीचे गिरकर अपनी जान खो बैठा। हमें, कभी भी फालतू बातों में न पड़कर अपने लक्ष्य की तरफ़ ही ध्यान, देना चाहिए।
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4. हंसों ने कहा कि उपाय तो अच्छा है, पर, , (क) तुम बातूनी होने के कारण रास्ते में बात नहीं करना, (ख) तुम चालाक होने के कारण रास्ते में बात नहीं करना, (ग) तुम मूर्ख होने के कारण रास्ते में बात नहीं करना, , (घ) तुम बुद्धिमान होने के कारण रास्ते में बात नहीं करना