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व 888 4, , प्रस्तावना, , भारतीय संविधान हमारे देश की नीतियों का मार्गदर्शक, है, इसलिए यह हमारे देश का सबसे महत्वपूर्ण ग्रन्थ है। यही, प् यह पूरे विश्व में भी सबसे बड़ा संविधान है।, , ऐसे संविधान को मैंने सरल भाषा व पदों के रूप में रचित, करके सुग्राही बनाने की कोशिश की है। इस "संविधान काव्य", में करीब 238 पद हैं जिनमें संविधान के हर भाग व अनुच्छेद, के मूल-भाव को समाहित करने की कोशिश की गई है। साथ ही, बोलचाल की भाषा का प्रयोग किया गया है ताकि यह, जनसाधारण की समझ में भी आसानी से आ सके।, , इस काव्य की रचना के लिए मैं अपनी पली श्रीमती, किरन गौतम का आभरी हूँ जिन्होंने इसमें भावात्मक पुट डालने, में मेरी मदद की।, , मैं माननीय डा० नसीम जैदी, भारत के मुख्य निर्वाचन, आयुक्त, माननीय श्री नजीब जंग, उपराज्यपाल, दिल्ली,, माननीय श्री आलोक कुमार वर्मा, पुलिस आयुक्त, दिल्ली का, हृदय से बहुत-बहुत आभारी हूँ जिन्होंने संविधान काव्य के बारे में, अपने बहुमूल्य विचार व्यक्त किये हैं।, , आशा है कि आप सभी लोग इस "संविधान काव्य" से, जरूर लाभाच्वित होंगे।, घन्यवाद।, , , , , , - सुनील कुमार गौतम
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हैं... जे 4 7 5, , 2, डा० नसीम जैदी रब छः, भारत के मुख्य निर्वाचन आयुक्त की श्र, , खत्वभेद्र जतते उ्टत।, | निर्वाचन आयोग, 809०/07 60777/9$आंगा, 01749, , , , भारतीय संविधान हमारा प्रमुख कानूनी मार्गदर्शक है। हर व्यक्ति, को संविधान के बारे में ज्ञान होना चाहिए जिससे उसे अपने अधिकारों और, कर्त्तव्यों की जानकारी मिल सके।, , मैं समझता हूँ कि श्री सुनील कुमार गौतम द्वारा रचित संविधान, काव्य से यह कार्य अब बहुत आसान हो जाएगा। इसमें संविधान के सार, को पदों के रूप में बहुत खूबसूरती से लिखा गया है। यह इतना रुचिकर है, कि यदि एक बार इसको पढ़ना शुरू कर दिया जाए तो फिर पूरा पढ़े बिना, मन नही मानता।, , इतने बड़े एवं जटिल ग्रंथ को इतने सरल शब्दों में व्यक्त करके श्री, गौतम ने एक मिसाल कायम की है। मेरा विचार है कि इसको प्रत्येक, नागरिक को पढ़ना चाहिए और प्रत्येक जनप्रतिनिधि को विशेष रूप से, पढ़ना चाहिए जिससे वे संविधान व जनता के प्रति अपने कर्त्तव्यों का और, , , , बखूबी से पालन कर सकें।, , मैं श्री गौतम को उनके इस कार्य के लिए बहुत-बहुत बधाई देता हूँ, और अपनी शुभकामनायें व्यक्त करता हूँ।, 30 मार्च 2016 जसाम जद, , (डॉ0 नसीम जैदी)