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और निर्धारित समय के लिए उसे प्रोसेसर प्रदान करता है और प्रोग्राम के बंद होने के साथ ही आपके प्रोसेसर को फ्री, कर देता है अगर वह ऐसा नहीं करेगा तो आपके प्रोसेसर का 100% यूज़ होना शुरू हो जाएगा और आपका कंप्यूटर, हैंग हो जाएगा |, , 2. मेमोरी मैनेजमेंट ( |॥७॥0५/ |४9199०11०11 ) :- कंप्यूटर सिस्टम में किसी भी ऑपरेशन को संपादित करने मेँ, मेन-मेमोरी की महत्वपूर्ण भूमिका होती है कंप्यूटर की संरचना के अनुसार मेमोरी (४७909) कंप्यूटर का वह भाग है, यूजर द्वारा इनपुट किये डाटा और प्रोसेस डाटा को संगृहीत करती है, मेमोरी (७1109) में डाटा, सूचना, एवं प्रोग्राम, प्रक्रिया के दौरान उपस्थित रहते है और आवश्यकता पड़ने पर तत्काल उपलब्ध रहते है 020 मेन-मेमोरी से सीधे, डेटा रीड/राइट करता है।, , ऑपरेटिंग सिस्टम (09००४7६ 5५967 यह ध्यान रखता है कि वर्तमान में मेमोरी का कौन सा हिस्सा किस प्रोसेस, द्वारा उपयोग हो रहा है तथा जब प्रोग्राम टरमिनेट होता है, तो मेन-मैमोरी का स्पेस खाली हो जाता है,जो अगले, प्रोग्राम के लिए उपलब्ध होता है मेमोरी स्पेस उपलब्ध होने पर यह निर्णय लेना कि मेमोरी में किन प्रोसेस को लोड, किया जाएगा इसकी जिम्मेदारी भी ऑपरेटिंग सिस्टम (070७21॥09 5५807) की होती है |, , , , , , 3. डिवाइस मैनेजमेंट (0०५०७ |४७199०॥1०॥0) :- ऑपरेटिंग सिस्टम इनपुट और आउटपुट मैनेजमेंट के कार्य को, भी संपादित करता है एवं आपके कंप्यूटर से जुड़े हुए विभिन्न इनपुट डिवाइस (0०90 0०५०७) और आउटपुट, डिवाइस (0070५ 76५०७) को आपस में को-आर्डिनेट करता है साथ ही उनको कार्य भी सौंपता है, , जब आप एमएस वर्ड में कीबोर्ड से कंट्रोल की दबाकर प्रिंट कमांड देते हैं तो ऑपरेटिंग सिस्टम कीबोर्ड से इनपुट लेता, है और प्रिंटर को आउटपुट कमांड देता है, , , , प्रोसेस मैनेजमेंट ( 10089 |४9199010ा।), प्रोसेस मैनेजमेंट ( 10०0855 |४81999॥101) के अंतर्गत ऑपरेटिंग सिस्टम जॉब शेड्यूलिंग (100 5०0७6७॥19) और, टास्क मैनेजमेंट (191/९ |४७119991197) करता है, , 1. जॉब शेड्यूलिंग (४०७ $०1०१७॥॥७) :- आप कंप्यूटर में एक के बाद एक कई सारे काम करते हैं, या सॉफ्टवेयर भी कई सारे चरणों में कार्य करता है तो आपका ऑपरेटिंग सिस्टम ही डिसाइड करता है कि प्रोसेसर, को किस तरह से शेडूल किया जाएगा पहले किस काम में उसको लगाया जाएगा और काम खत्म होने के बाद फिर, उसे दूसरा काम सौंप दिया जाता है, , , , , , , , 2. टास्क मैनेजमेंट (19910 |॥७199०॥1०॥1) :- ऑपरेटिंग सिस्टम यह भी देखता है एक कौन-कौन सी एप्लीकेशन, बैकग्राउंड में रन कर रही है किन एप्लीकेशंस को प्राथमिकता देनी है और किन एप्लीकेशन को स्टॉप करना है यह, सारे कार्य टास्क मैनेजमेंट के अंतर्गत किए जाते हैं, , डाटा मैनेजमेंट ( 0818 |शक्षा8प0॥0शा। ), , 1.फाइल मैनेजमेंट (7॥8 11919991101॥/) :- फाइल मैनेजमेंट क्या तात्पर्य उन्हीं फाइलों से है जो आप अपने कंप्यूटर, में एमएस वर्ड एक्सेल पावर पॉइंट इत्यादि में बनाते हैं यह सूचनाओं का पूरा कलेक्शन होता है और इसे यूज़र द्वारा, बनाया जाता है यह फाइल कंप्यूटर की सेकेंडरी मेमोरी में स्टोर रहती है और इन सभी फाइलों का एक नाम होता है, जिससे आप उसे कंप्यूटर में खोज सकते हैं इन फाइलों को कंप्यूटर के सेकेंडरी स्टोरेज में डायरेक्टरी में सेव किया, जाता है यह डायरेक्टरी आम भाषा में फोल्डर (5010७) होते हैं हर फाइल की अपनी प्रॉपर्टी होती है जिससे आप यह, पता लगा सकते हैं कि वह फाइल किस प्रकार की है और कितना स्पेस कवर करती है ऑपरेटिंग सिस्टम में फाइल, मैनेजमेंट के अंतर्गत आप फाइल को क्रिएट कर सकते हैं उसे डिलीट कर सकते हैं फोल्डर को क्रिएट कर सकते हैं, उसे डिलीट कर सकते हैं फाइल को रिमूव कर सकते हैं फाइल का बैकअप ले सकते हैं और फाइल का पाथ सेट कर, सकते हैं पाथ से तात्पर्य है कि फाइल आपके कंप्यूटर के किस हिस्से में सेव है वहां का एड्रेस फाइल पाथ कहलाता है
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(॥9१7०(९ :- 04 €०ाएपांश िशं०७४011९, (०ाएपां९/ ६९(४७४४०॥।९ :- “ विभिन्न सूचनाओ या संसाधनो (प्रिंटर, स्कैनर आदि) के पररुपर आदान प्रदान के लिए, जब कई कंप्यूटरों को एक साथ जोड़ा जाता है तो उसे कंप्यूटर नेटवर्क कहते हैं |", प्रत्येक कंप्यूटर नेटवर्क में एक मुख्य कंप्यूटर होता है जो बाकी सभी कंप्यूटर से अधिक मेमोरी तथा अधिक क्षमता, वाला होता है जिसे सर्वर (5६2५४६४) कहते हैं अन्य सभी कंप्यूटरों को ५४०/ ५४०४० या ।३००९ या (॥॥॥ कहा जाता, है, नेटवर्क के सभी कंप्यूटरों का एक निश्चित पता होता है जिसे ॥? 8001855 कहते हैं, ॥? /५०४७५७ से ही सभी, कंप्यूटरों की पहचान होती है सभी कंप्यूटरों का अलग अलग ॥? /५01859 होता है |, , , , , , , , कंप्यूटर नेटवर्किंग की आवश्यकता एवं उपयोग :- जब एक से अधिक कंप्यूटर को आपस में जोड़कर एक नेटवर्क, तैयार किया जाता है तो उसे कंप्यूटर नेटवर्क कहते हैं प्रत्येक नेटवर्क को बनाने के पीछे एक उद्देश्य होता है, जैसे :« ॥1००५४४७७ शेयर करने के लिए :- किसी भी कंप्यूटर नेटवर्क में प्रत्येक कंप्यूटर संसाधनो का साझा प्रयोग, करता है जैसे यदि किसी भी कंप्यूटर को कुछ प्रिंट या स्कैन करना होता है तो वह नेटवर्क मैं जुड़े हुए प्रिंटर, या स्कैनर का प्रयोग करता है प्रत्येक कंप्यूटर के पास अलग अलग प्रिंटर या स्कैनर नहीं होता हैं |, « डाटा या सूचनाओ को शेयर करना :- एक नेटवर्क में जुड़े हुए सभी कंप्यूटर कार्य करते हुए दुसरे कंप्यूटर में, सेव की हुई जानकारी को प्राप्त कर सकते हैं जैसे किसी ऑफिस मैं एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर का डाटा, प्राप्त किया जा सकता हैं |, « 5$0स्9४०1७ शेयर करने के लिए :- जब कोई सॉफ्टवेयर को किसी कंप्यूटर नेटवर्क के सर्वर पे लोड कर दिया, जाता है तो उस सॉफ्टवेयर का उपयोग उस सर्वर से जुड़े हुए सभी कंप्यूटर कर सकते हैं नेटवर्क से जुड़े हुए, सभी कंप्यूटरों के लिए अलग अत्रग सोफ्टवेयर खरीदने से अच्छा है की उनका सम्मिल्नित प्रयोग किया जाये,, इससे पैसों की बचत होती है |, « डाटा का तीव्र सम्प्रेषण :- एक नेटवर्क मेँ जुड़े होने के कारण एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर तक सूचनाओं का, अदन प्रदान तेजी से होता है जिससे समय की बचत होती है |, « विश्सनीयता :- नेटवर्किंग में डाटा की एक से अधिक प्रतियाँ बनाकर कई कंप्यूटरों पर सेव कर डी जाती हैं, जिससे किसी कारण से कोई कंप्यूटर काम न करे या खारब हो जाये तो हमारा डाटा सुरक्षित बना रहे, इस, प्रकार नेटवर्किंग में कंप्यूटर एक दुसरे के लिए बैकअप का कार्य करते हैं |, , , , , , , , , , , , , , कंप्यूटर नेटवर्क के अवयव (ट07एणाशा5 0 0०7फप्राश पिशण्घ010:कोई भी कंप्यूटर नेटवर्क विभिन्न तत्वों या अवयवों का समूह होता है। इनमे से कुछ प्रमुख अवयव निम्नलिखित है, , , , सर्वर :- यह नेटवर्क का सबसे प्रमुख अथवा केंद्रीय कंप्यूटर होता है । नेटवर्क के अन्य सभी कम्प्यूटर सर्वर से जुड़े, होते है । सर्वर क्षमता और गति की इष्टि से अन्य सभी कम्प्यूटरों से श्रेष्ठ होता है और प्रायः नेटवर्क का अधिकांश, अथवा समस्त डाटा सर्वर पर ही रखा जाता है ।, , , , नोड :- सर्वर के अतिरिक्त नेटवर्क के अन्य सभी कम्प्यूटरों को नोड कहा जाता है। ये वे कंप्यूटर होते है , जिन पर, उपयोगकर्ता कार्य करते है । प्रत्येक नोड का एक निश्चित नाम और पहचान होती है | कई नोड अधिक शक्तिशाली, होते है । ऐसे नोडों को प्रायः वर्कस्टेशन (५४४०॥८७ां५०) कहा जाता है | नोडों को ८॥क्ां भी कहा जाता है ।, , नेटवर्क केबल्र :- जिन केबलों के द्वारा नेटवर्क के कंप्यूटर आपस मे जुड़े होते है , उन्हें नेटवर्क केबल कहा जाता है ।, सूचनाएं एक कम्प्यूटर से नेटवर्क के दूसरे कम्प्यूटर तक केबलों से होकर ही जाती है | इनको प्रायः बस (805) भी, कहा जाता है।